सनातन धर्म में मंत्रों का उच्चारण करना बेहद शुभ माना गया है। यदि इन्हें सही ढंग से पढ़ा जाए तो जीवन में नकारात्मकता कभी नहीं आती।
ऐसे में अगर आप सुबह सुबह इन मंत्रों का उच्चारण पूरे ध्यान के साथ करते हैं तो आपका पूरा दिन ऊर्जा से भरपूर रहेगा।
त्वमेव माता च पिता त्वमेव,त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव। त्वमेव विद्या च द्रविणं त्वमेव,त्वमेव सर्वम् मम देवदेवं।।
हे भगवान! तुम्हीं माता हो, तुम्हीं पिता, तुम्हीं बंधु, तुम्हीं सखा हो। तुम्हीं विद्या हो, तुम्हीं द्रव्य, तुम्हीं सब कुछ हो।
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
हे प्रभु, कृपा करके हमारी बुद्धि को उजाला प्रदान कीजिए और हमें धर्म का सही रास्ता दिखाइए।
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर। दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तुते ॥
हे आदिदेव! आपको प्रणाम है,आप मुझ पर प्रसन्न हों, हे दिवाकर, हे प्रभाकर आपको प्रणाम है।
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।