जगत के पालनहार भगवान विष्णु की लीला अपरंपार है। अपने भक्तों पर कृपा दृष्टि बरसाते हैं, तो असुरों का वध करते हैं।
उनकी लीलाओं का वर्णन सनातन शास्त्रों में निहित है। चिरकाल में भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी।
साधक गुरुवार के दिन भगवान नरसिंह की पूजा-उपासना करते हैं। भगवान नरसिंह की पूजा एवं साधना करने वाले साधक के जीवन में व्याप्त समस्त दुख दूर हो जाते हैं।
अगर आप भी भगवान नरसिंह की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन विधि-विधान से उग्रहरि की पूजा करें।
इसके साथ ही पूजा के समय भगवान नरसिंह के 108 नामों का मंत्र जप करें। आइए इनके बारे में विस्तार से जानें।
ॐ नरसिंहाय नमः, ॐ नराय नमः, ॐ नारस्रष्ट्रे नमः, ॐ नारायणाय नमः, ॐ नवाय नमः, ॐ नवेतराय नमः, ॐ नरपतये नमः
ॐ नरात्मने नमः, ॐ नरचोदनाय नमः, ॐ नखभिन्नस्वर्णशय्याय नमः, ॐ नखदंष्ट्राविभीषणाय नमः, ॐ नादभीतदिशानागाय नमः
ॐ नन्तव्याय नमः, ॐ नखरायुधाय नमः, ॐ नादनिर्भिन्नपाद्माण्डाय नमः, ॐ नयनाग्निहुतासुराय नमः
ॐ नटत्केसरसञ्जातवातविक्षिप्तवारिदाय नमः, ॐ नलिनीशसहस्राभाय नमः, ॐ नतब्रह्मादिदेवताय नमः