अगर हम प्रदोष व्रत की बात करें, तो यह हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है। इस दौरान महादेव के संग मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है।
आज हम आपको एक ऐसे स्तोत्र के बारे में बताएंगे, जिसका पाठ प्रदोष व्रत के दिन करने से आपकी बंद किस्मत का ताला खुल सकता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
हम आपको शिव मृत्युंजय स्तोत्र का पाठ करने के बारे में बात कर रहे हैं। इससे न केवल आपकी किस्मत का ताला खुल सकता है। वहीं, आपके बिगड़े काम बन सकते हैं।
रत्नसानुशरासनं रजताद्रिश्रृंगनिकेतनं, शिञ्जिनीकृतपन्नगेश्वरमच्युतानलसायकम्। क्षिप्रदग्धपुरत्रयं त्रिदशालयैरभिवंदितं, चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥
पंचपादपपुष्पगन्धिपदाम्बुजद्वयशोभितं, भाललोचनजातपावकदग्धमन्मथविग्रहम्। भस्मदिग्धकलेवरं भवनाशिनं भवमव्ययं, चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥
मत्तवारणमुख्यचर्मकृतोत्तरीयमनोहरं, पंकजासनपद्मलोचनपूजितांगघ्रिसरोरुहम्। देवसिद्धतरंगिणी करसिक्तशीतजटाधरं, चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥
कुण्डलीकृतकुण्डलीश्वरकुण्डलं वृषवाहनं, नारदादिमुनीश्वरस्तुतवैभवं भुवनेश्वरम्। अंधकान्तकमाश्रितामरपादपं शमनान्तकं, चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥
यक्षराजसखं भगाक्षिहरं भुजंगविभूषणं, शैलराजसुतापरिष्कृतचारुवामकलेवरम्। क्ष्वेडनीलगलं परश्वधधारिणं मृगधारिणं, चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥
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