हिंदू धर्म में नवरात्र का समय मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की आराधना करने के लिए समर्पित माना गया है। प्रत्येक वर्ष में 4 नवरात्र मनाए जाते हैं।
इसमें से दो गुप्त नवरात्र होते हैं और 2 प्रकट नवरात्र के रूप में मनाए जाते हैं। गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ माह में आती है।
इस समय में ऐसे में दस महाविद्याओं की पूजा करने का विधान है। ऐसे में आइए जानते हैं कि दस महाविद्याएं को प्रसन्न करने के लिए क्या मंत्र है।
मंत्र - ऊँ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा।।
मंत्र - ऐं ऊँ ह्रीं क्रीं हूं फट्।।
मंत्र - श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्रवैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा।।
मंत्र - ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क ए ह ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं महाज्ञानमयी विद्या षोडशी मॉं सदा अवतु।।
मंत्र - ऐं ह्रीं श्रीं।।
मंत्र - हस्त्रौं हस्क्लरीं हस्त्रौं।।