सनातन धर्म में गंगा सप्तमी का विशेष महत्व होता है। इस दिन पूजा-पाठ करने से मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं कि गंगा सप्तमी पर किन मंत्रों का जाप करना चाहिए?
पंचांग के अनुसार, 03 मई को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन इस दिन पूजा-पाठ करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती है।
पंचांग के अनुसार, गंगा सप्तमी की शुरुआत 03 मई को सुबह 07 बजकर 51 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 04 मई को सुबह 04 बजकर 18 मिनट पर होगा।
अक्सर लोग पूजा-पाठ करते समय मंत्र का जाप करते हैं। इससे देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं।
गंगा सप्तमी पर मां गंगा के आह्वान के लिए गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु मंत्र का जाप करें।
मां गंगा की पूजा करते समय गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
गंगा सप्तमी पर इन मंत्रों का जाप करने से साधक की मनोकामनाएं पूरी होने लगती हैं। इसके साथ ही, तरक्की के योग बनते हैं।
मांं गंगा की पूजा करने से धन की कमी से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा, साधक के सारे पाप दूर होने लगते हैं।
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