सूतक काल में भोजन पकाने और ग्रहण करने पर पाबंदी होती है। लेकिन वृद्ध, बीमार और गर्भवती महिलाओं के लिए यह नियम लागू नही होता है।
सूतक काल में गर्भवती महिलाओं का खास ध्यान रखना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि वह ग्रहण के दौरान घर से बहार ना निकले।
सूतक काल के दौरान कैंची, चाकू, सुई का स्पर्श ना करें और इस दौरान में नींद लेना भी प्रतिबंधित है।
सूतक काल में तुलसी पत्ता का कुश को बचे हुए खाने में, फ्रिज में और किचन में रख दें। ऐसा करने से ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है।
सूतक काल में पूजा-पाठ करना वर्जित है। लेकिन इस दौरान मन में भगवान का नाम जपते रहें। ध्यान रखें कि सूतक काल में भगवान का स्पर्श न हो।
सूतक खत्म होने के बाद घर के हर कोने में गंगाजल का छिड़काव करें। साथ ही स्नान भी जरूर करें।
हिन्दू पंचांग के अनुसार साल 2022 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 8 नवम्बर को लगने जा रहा है।बता दें कि चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा तिथि के दिन लगता है।