आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में जीवन के कई पहलुओं के बारे में बताया है। जिसे अपनाते हुए लोगों ने अपनी जिंदगी को सफल बनाया है।
चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया है, जिनका परिवार द्वारा त्याग कर दिया जाता है। आइए ऐसे लोगों के बारे में जानें।
चाणक्य के अनुसार जिन लोगों को कभी परिवार का साथ नहीं मिलता। खुद परिवार के लोग हैं इनका त्याग कर देते हैं।
जो व्यक्ति अपने ही परिवार के साथ विश्वासघाती करता है, उसके पुत्र, पत्नी और परिवार के अन्य लोगों द्वारा उसका त्याग कर दिया जाता है।
जो व्यक्ति दूसरों के द्वारा कही गई बातों को सच मानकर परिवार के लोगों से लड़ाई-झगड़ा करता है, उसका भी परिवार के द्वारा त्याग कर दिया जाता है।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि चुगलखोरी की आदत से ग्रस्त व्यक्ति किसी विश्वासघाती से कम नहीं होता।
इस तरह के लोगों को कोई प्यार नहीं करता। ऐसे लोगों का नाम घृणा से लिया जाता है। परिवार ऐसे लोगों का सदा के लिए त्याग कर देता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसे लोगों का त्याग कर देना ही बेहतर है, क्योंकि ऐसा न परिवार के लिए अच्छा है और न ही समाज के लिए अच्छा होता है।
चाणक्य की इन बातों पर आपको गौर करना चाहिए। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com