पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कि चैत्र पूर्णिमा कब है और इस दिन कौन से उपाय करने चाहिए?
चैत्र पूर्णिमा को मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन स्नान करने का विशेष महत्व होता है।
चैत्र पूर्णिमा की शुरुआत 23 अप्रैल 2024 को सुबह 03 बजकर 25 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 24 अप्रैल 2024 को सुबह 05 बजकर 18 मिनट पर होगा।
चैत्र पूर्णिमा के दिन स्नान के लिए शुभ मुहूर्त 23 अप्रैल को सुबह 04 बजकर 20 मिनट से लेकर 05 बजकर 04 मिनट तक रहेगा।
पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद एक चौकी पर लाल कपड़े बिछाकर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की तस्वीर अर्पित करें। इसके बाद दीपक जलाकर पूजा करें।
चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते समय ‘ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे मनोकामना पूरी होने लगती है।
चैत्र पूर्णिमा की रात्रि मां लक्ष्मी को खीर या सफेद मिठाई का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी के ओम नमो भगवते हनुमते नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
पूजा-पाठ की विधि जानने समेत अध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ