सनातन धर्म में चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस दिन स्नान-दान करना लाभकारी होता है। आइए जानते हैं कि चैत्र पूर्णिमा कब है?
पंचांग के अनुसार, 12 अप्रैल 2025 को चैत्र पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन हनुमान जन्मोत्सव भी है। चैत्र पूर्णिमा पर पूजा करने से संकट दूर होते हैं।
पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल को रात 03 बजकर 21 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 13 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर होगा।
चैत्र पूर्णिमा पर विधि-विधान से मां लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा करें। इससे आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है और धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
चैत्र पूर्णिमा पर पूजा करते समय फल और खीर का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
चैत्र पूर्णिमा पर कच्चे दूध से शिव जी का अभिषेक करें। इस दौरान शिव जी के मंत्र का जाप करें। इससे मानसिक शांति मिलती है और तनाव दूर होता है।
चैत्र पूर्णिमा पर इन उपायों को करने से साधक की आर्थिक स्थिति मजबूत होने लगती है। इसके साथ ही, तरक्की के योग बनते हैं।
चैत्र पूर्णिमा पर तामसिक चीजें जैसे- मांस, अल्कोहल, लहसुन और प्याज नहीं खानी चाहिए। इसे खाने से पूजा करने का फल नहीं मिलता है।
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