चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। ऐसा करने से जीवन में आने वाले संकट दूर होने लगते हैं। आइए जानते हैं कि नवरात्रि की हवन में किन सामग्रियों को मिलाना चाहिए?
इस दौरान विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा की जाती है। 09 अप्रैल से नवरात्रि की शुरुआत हुई और इसका समापन 17 अप्रैल को होगा।
चैत्र माह की नवमी तिथि की शुरुआत 16 अप्रैल को 01 बजकर 23 मिनट से होगी। इस तिथि का समापन 17 अप्रैल को दोपहर 03 बजकर 14 मिनट पर होगा।
चैत्र नवरात्रि में नवमी के दिन हवन की जाती है। इस दौरान कई सामग्री की जरूरत होती है। इन सामग्रियों के बिना देवी-देवता प्रसन्न नहीं होते हैं।
चैत्र नवरात्रि में हवन के लिए गाय का घी, आम और केले का पत्ता, रोली, चावल, पान का पत्ता, सूखी नारियल, गंगाजल, बताशा, छोटी इलायची, पंचामृत, लौंग और कपूर आदि सामग्री की जरूरत होती है।
चैत्र नवरात्रि में हवन में तिल, घी, शक्कर, गुगल, नौ ग्रह की लकड़ी, जौ और नारियल की जरूरत होती है। इन चीजों से हवन करने पर मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।
नवरात्रि में हवन करते समय मंत्र का जाप करना चाहिए। हवन के दौरान ‘ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।
चैत्र नवरात्रि में तामसिक चीजों को खाने से बचना चाहिए। इसके साथ ही अल्कोहल का सेवन करने से मां दुर्गा नाराज होने लगती हैं।
देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए पूजन सामग्री के बारे में जानने समेत अध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ