भौम प्रदोष व्रत पर बन रहे हैं 2 शुभ संयोग, मिलेंगे मनचाहे फल


By Amrendra Kumar Yadav31, May 2024 04:23 PMjagran.com

प्रदोष व्रत का महत्व

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का अत्यधिक महत्व है, इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।

भौम प्रदोष व्रत

मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस बार भौम प्रदोष व्रत 4 जून को पड़ रहा है। इस दिन भगवान शिव के साथ में माता पार्वती की भी पूजा की जाती है।

क्या है शुभ मुहू्र्त?

भौम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त 4 जून को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से शुरु हो रहा है और रात 10 बजकर 1 मिनट पर इसकी समाप्ति हो रही है।

बन रहे हैं शुभ संयोग

भौम प्रदोष व्रत के दिन कुछ शुभ संयोग बन रहे हैं, जिस वजह से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ गया है। इस मुहूर्त में पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

भद्रावास योग

प्रदोष व्रत के दिन रात में भद्रावास योग बन रहा है, यह योग पूरी रात रहेगा। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है।

सर्वार्थ सिद्धि योग

प्रदोष व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इस योग का निर्माण प्रदोष व्रत के दिन रात 10 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर अगले दिन सुबह 5 बजकर 23 मिनट तक है।

शुभ फलों की होती है प्राप्ति

सर्वार्थ सिद्धि योग के समय में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

भौम प्रदोष व्रत के दिन इन शुभ योग का निर्माण हो रहा है, धर्म और आध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com