देश को आजादी दिलाने की राह में भगत सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आइए जानते हैं कि भगत सिंह के कौन से विचार हैं जो लोगों को प्रेरित करते हैं?
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को हुआ था। वहीं, आज इनकी 116वीं जयंती मनाई जा रही है। इन्होंने बचपन में ही देश की आजादी के लिए बिगुल फूंका था।
भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए अपने विचार दिए। उन्होंने कहा कि सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।
भगत सिंह ने इंकलाब हो लेकर कहा कि मैं इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखना भी चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है।
भगत सिंह ने कहा कि जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है, दुसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।
भगत सिंह ने कहा कि जिंदा रहने की हसरत है मेरी, मैं कैद रहकर जीवन नहीं बिताना चाहता।
भगत सिंह ने कहा कि राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है।
भगत सिंह ने अपने विचारों से कई लोगों को प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि मरकर भी मेरे दिल से वतन की उल्फत नहीं निकलेगी, मेरी मिट्टी से भी वतन की ही खुशबू आएगी।
एजुकेशन से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ