सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। इस दिन शिव जी की पूजा करने से सारे संकट दूर होने लगते हैं। आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत पर त्रिपुष्कर योग कब लग रहा है?
पंचांग के अनुसार, माघ माह का अंतिम प्रदोष व्रत 09 फरवरी को रखा जाएगा। इस दिन पूजा-पाठ करने से शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 09 फरवरी को शाम 07 बजकर 25 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 10 फरवरी को शाम 06 बजकर 57 मिनट पर होगा।
प्रदोष व्रत पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं। इसके साथ ही, साधक के जीवन में खुशहाली आती है।
प्रदोष व्रत पर त्रिपुष्कर योग संध्याकाल 05 बजकर 53 मिनट से 07 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। इस दुर्लभ योग में पूजा करने से साधक की मनोकामना पूरी होने लगती है।
प्रदोष व्रत पर पूजा करते समय ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् मंत्र का जाप करें। इससे शिव जी प्रसन्न होते हैं।
अगर आपको कठिन परिश्रम के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है, तो प्रदोष व्रत पर त्रिपुष्कर योग में पूजा करें। ऐसा करने से कार्य में सफलता के योग बनेंगे।
प्रदोष व्रत पर शिव जी की पूजा करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती है। इसके साथ ही, साधक को कारोबार में लाभ होता है।
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