रुद्राक्ष को महादेव का अंश माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है।
रुद्राक्ष के कई प्रकार भी होते हैं और कई तरह के रुद्राक्ष बाजार में मिलते भी हैं। इन्हीं रुद्राक्ष में से एक पंचमुखी रुद्राक्ष है।
मान्यता के अनुसार पंचमुखी रुद्राक्ष को यदि विधिवत रूप से धारण किया जाए तो पंचब्रह्म की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
पंचब्रह्म में भगवान गणेश, भगवान शिव, देवी शक्ति, भगवान विष्णु और सूर्य देव शामिल है। ऐसे में आइए जानते हैं कि पंचमुखी रुद्राक्ष का क्या महत्व और इसके लाभ क्या है।
पंचमुखी रुद्राक्ष मनुष्य के दैहिक रोगों के अलावा मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी जैसे रोगों को भी दूर करने में सहायक है।
इसके अलावा, पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से अनिद्रा की स्थिति, श्वसन संबंधी रोगों से भी छुटकारा मिलता है। ये गुरु ग्रह के उलटे प्रभाव को भी कम करने में सहायक है।
पंचमुखी रुद्राक्ष तनावमुक्त और सुखी जीवन प्रदान करता है और आलस्य को दूर भगाता है। जीवन में हमेशा आगे ही बढ़ते हैं।
पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले व्यक्ति को अपने शरीर और मन का शुद्धिकरण करना बहुत जरूरी है। मांस मदिरा के सेवन पर रोक लगानी चाहिए।
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