सनातन धर्म में मंदिर जाने का बहुत महत्व है, जिसमें बताया गया है कि रोजाना मंदिर जाने से आपके जीवन खुशहाली से भर सकता है।
शास्त्रों में बताया गया है, जब भी आप किसी मंदिर में जाए तो वहां सीढ़ियों पर जरूर बैठे।
शास्त्रों में मंदिर के शिख को देवता का मुख और सीढ़ियों को उनके चरण के रूप में देखा जाता है।
ऐसा करना शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है।
मंदिर की सीढ़ियों में बैठकर भगवान का स्मरण करते हुए कुछ श्लोक बोलने चाहिए।
आप ये श्लोक बोल सकते हैं, अनायासेन मरणम्, बिना देन्येन जीवनम्। देहान्त तव सानिध्यम्, देहि मे परमेश्वरम्।।
इस श्लोक का अर्थ है कि हे प्रभु, बिना किसी कष्ट और तकलीफ के हमारी मृत्यु हो। हमें किसी सहारे की जरुरत न पड़े न ही हम किसी पर निर्भर रहे।
मंदिर में अच्छी तरह भगवान के दर्शन करने के बाद सीढ़ियों पर बैठकर नेत्र बंद करके उस स्वरूप का ध्यान करें।
अगर आपको भगवान का स्वरूप ध्यान में नहीं आता तो आप दोबारा मंदिर में जाकर भगवान का दर्शन कर सकते हैं।