अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। इसका विशेष महत्व होता है। इस साल शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है।
यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसका इसका सूतक काल माना जाएगा। जब सूरज और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो चंद्रग्रहण लगता है।
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों की मनाही की गई है, इनकी चर्चा करेंगे। इनको करने से जीवन में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ न करें, न ही इस दौरान देवी-देवताओं की प्रतिमा को स्पर्श करें।
चंद्र ग्रहण के दौरान नुकीली वस्तुओं के प्रयोग से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को कैंची, सुई आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
ग्रहण के बाद स्नान करना आवश्यक होता है। इससे कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।
ग्रहण के दौरान नाखून काटने और बाल काटने से बचना चाहिए। इन कामों की मनाही की गई है।
ग्रहण काल के दौरान खाना बनाने से भी बचना चाहिए। इस समय खाना बनाने से खाने पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
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