अमावस्या तिथि के दिन स्नान और दान का अत्यधिक महत्व होता है। इस दिन रात में नकारात्मक शक्तियों का वास होता है, इसलिए पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है।
भाद्रपद महीने की अमावस्या सोमवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसे सोमवती अमावस्या कहा जा रहा है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है।
अमावस्या तिथि के दिन पितरों का तर्पण भी किया जाता है। ऐसा करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है।
सोमवती अमावस्या के दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इससे शुभ फल प्राप्त होंगे और कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।
सोमवती अमावस्या के दिन शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
यह मुहूर्त शाम में 6 बजकर 20 मिनट तक है। इस योग में शिव जी की उपासना करने से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
अमावस्या के दिन सिद्धि योग का निर्माण भी हो रहा है। इस योग में कोई भी कार्य करने से सफलता प्राप्त होती है। इस योग का निर्माण शाम में 6 बजकर 21 मिनट से हो रहा है।
इसके साथ ही सोमवती अमावस्या के दिन शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। यह योग रात भर रहेगा। इस योग में भगवान शिव कैलाश पर्वत पर विराजमान रहते हैं।
सोमवती अमावस्या के दिन इन शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। धर्म और अध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com