रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है। इस महीने में मुस्लिम लोग पूरे 30 रोजे रखते हैं और पूरी शिद्दत के साथ अल्लाह की इबादत करते हैं।
आज हम आपको बताएंगे कि कितने साल के बच्चे पर रोजा फर्ज होता है? आइए इसके बारे में विस्तार से जानें, ताकि आपको भी जानकारी हो सकें।
कुरान या हदीस में इस बात का कोई उल्लेख नहीं मिलता लेकिन कुछ विद्वानों की यह राय है कि बच्चों को 10 साल की उम्र के बाद रोजा रखने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
10 साल से पहले बच्चों को रोजा न रखने की छूट है। हालांकि, अगर बच्चा फिर भी रोजा रखना चाहे, तो रख सकता है। इन लोगों को भी रोजा न रखने की छूट है।
कुरान शरीफ में अल्लाह ताला फरमाता है कि जो लोग बीमार है, उन्हें रोजा न रखने की छूट है क्योंकि उनके साथ मजबूरी जुड़ी हुई है।
अगर कोई व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार है, तो ऐसा व्यक्ति अगर रोजा नहीं रखता है, तो उस पर कुछ भी गुनाह नहीं है।
गर्भवती महिलाओं, मासिक धर्म में महिलाओं और बुजुर्गों को भी रोजा न रखने का हुक्म दिया गया है। यदि चाहें, तो ये रोजे बाद में रख सकती हैं।
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com