गीता के अनुसार ऐसे लोग कभी नहीं हो पाते हैं सफल


By Farhan Khan28, Dec 2024 01:48 PMjagran.com

भगवद गीता

हिन्दू धर्म में भगवत गीता को सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक माना जाता है। इसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। जिनमें कर्म करने की शिक्षा दी गई है।

ऐसे लोग नहीं होते सफल

आज हम आपको बताएंगे कि गीता के अनुसार किस प्रकार के लोग कभी सफल नहीं हो पाते? आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

कर्मों के अलावा मन में अन्य विचार लाना

जो लोग अपने कर्मों के अलावा मन में कोई भी अन्य विचार लाते हैं, वो लोग अपने लक्ष्य से आसानी से भटक जाते हैं।

कर्मों पर न करें संदेह

गीता के अनुसार व्यक्ति को कभी भी अपने कर्मों पर संदेह नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर व्यक्ति अपना ही नुकसान कर बैठता है और वह सफल नहीं हो पाता।

मन पर नियंत्रण न रखना

किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए मन पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है। नियंत्रण न रखने से बने बनाए काम भी बिगड़ जाते हैं।

डर को खत्म न करना

किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे पहले अपने भीतर छिपे डर को खत्म करना जरूरी है। डर को खत्म न करने से आप जीवन भर असफल रहेंगे।

भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दी शिक्षा

भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भी यही शिक्षा दी थी और कहा था कि अगर युद्ध में तुम मारे गए तो स्वर्ग मिलेगा और अगर जीत गए तो धरती पर राज मिलेगा।

वस्तुओं के प्रति लगाव रखना

गीता के अनुसार जो मनुष्य किसी भी वस्तु के प्रति बहुत अधिक लगाव रखता है, वह कभी सफल नहीं हो पाता क्योंकि लगाव ही मनुष्य की असफलता का कारण बनता है।  

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