इसमें भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों का वर्णन किया गया है। इन उपदेशों का पालन करने से किस्मत बदलने लगती है। आइए जानते हैं कि गीता के किन उपदेशों से तकदीर बदल जाती है?
महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश सुनाया था। इन उपदेशों का पालन करके अर्जुन महाभारत में विजय प्राप्त किए थे।
कई बार किस्मत के साथ न देने से जीवन में कई चीजें नहीं मिल पाती हैं। वहीं, गीता में कुछ उपदेशों का वर्णन किया गया है जिसे ध्यान में रखने से तकदीर बदल जाती है।
गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि फल की इच्छा किए बिना कर्म करना चाहिए। मनुष्य का जैसा कर्म रहता है, उसे वैसा ही फल मिलता है। जीवन में हमेशा अच्छे कर्म करना चाहिए।
जो व्यक्ति अपने मन को काबू में कर लेता है वह जीवन में सभी चिंताओं से मुक्त रहता है। ऐसे व्यक्ति को आसानी से लक्ष्य प्राप्त हो जाता है।
कई बार व्यक्ति क्रोध के चलते बना बनाया काम बिगाड़ देते हैं। गीता में कहा गया है कि क्रोध को कभी भी खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए।
गीता के अनुसार, व्यक्ति को कभी भी संशय में नहीं रहना चाहिए। हमेशा अपने विचारों को स्पष्ट रखना चाहिए। इससे समाज में आपका मान-सम्मान बना रहता है।
व्यक्ति को किसी काम को करने से पहले स्वयं का आकलन कर लेना चाहिए। जो व्यक्ति अपनी कमियों का जान लेता है किसी भी काम में सफलता प्राप्त कर सकता है।
जीवन में सफल होने के लिए परिश्रम के साथ कुछ बातों को भी ध्यान में रखना चाहिए। इन बातों को जानने और अध्यात्म से जुड़ी अन्य जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ