सनातन धर्म में पूजा-पाठ करने के विशेष महत्व है। इस दौरान कलश भी स्थापित किया जाता है। आइए जानते हैं कि पूजा के बाद कलश के नारियल का क्या करना चाहिए?
नवरात्रि हो या अन्य त्योहार पूजा करते समय कलश स्थापित किया जाता है। बिना कलश और नारियल के पूजा करने का फल नहीं मिलता है।
पूजा में उपयोग होने वाले नारियल का विशेष महत्व होता है। पूजा-पाठ खत्म होने के बाद इसे कलश से उतारकर लाल कपड़े में लपेटकर पूजा स्थल के पास रख देना चाहिए।
पूजा करने के बाद कलश से नारियल को उतार कर बहते जल में प्रवाहित कर सकते हैं। ऐसा करने से मां गंगा भी प्रसन्न होने लगती है और उनका आशीर्वाद मिलता है।
पूजा खत्म होने के बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है। वहीं, कलश वाले नारियल को भी प्रसाद में शामिल कर सकते हैं।
कई बार पूजा के बाद भी सामग्री बची रहती है। इन सामग्रियों को बहते जल में प्रवाहित करना उत्तम बाना जाता है। ऐसा करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
अगर आप व्यापार में बढ़ोत्तरी चाहते हैं तो पूजा में उपयोग हुए नारियल का लाल कपड़े में लपेटकर ऑफिस या दुकान में रख दें। इससे धन प्राप्ति के योग बनने लगते हैं।
इस जल को पूरे घर में छिड़क देना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होने लगती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पूजा-पाठ में उपयोग होने वाली सामग्रियों और विधि के बारे जानने समेत अध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ