Odisha Train Accident का दर्द ही नहीं हो रहा खत्म, 'मुआवजा नहीं...अपनों का चेहरा ही दिखा दो सरकार'
कहते हैं तस्वीरें कभी झूठ नहीं कहतीं.. लेकिन कुछ तस्वीरों को देखने के बाद कभी कभी इंसान को लगता है कि काश ये झूठ होता.. पर अफसोस कि ये सच है.. दुनिया में बड़े से बड़े दुख होते हैं लेकिन इन दुखों में से सबसे बड़ा है मृत इंसानी लाशों के बीच से जिंदा इंसान की तलाश करना..ये कोई कहानी नहीं है, ये हम सबका सच है..ट्रेन हादसे के बाद अब हालात ठीक हो रहे हैं, ट्रैक चालू हो गया है और जिंदगी भी ट्रैक की तरह पटरी पर आ गई है और ओडिशा में पिछले पांच दिनों से चल रही अपनों की तलाश अब खत्म हो चली है या कहें अब उम्मीद खत्म हो गई है। लेकिन क्या सबकुछ ठीक हो गया है..शायद नहीं..