फोटो= ग्रीटिंग कार्ड पर संचार क्रांति की बादशाहत
बाजपुर : ग्रीटिंग कार्ड पर संचार क्रांति भारी पड़ रही है। कभी इन्हें भावनात्मक अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम माना जाता था। दूर-दराज के लोग इनका इंतजार करते देखे जाते थे। आज इनकी जगह इंटरनेट व मोबाइल ने ले ली है।
पहले होली, दीपावली, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस के साथ ही नव वर्ष में लोग अपने मित्रों व घर से दूर रह रहे परिजनों को शुभकामना संदेश देने के लिये ग्रीटिंग कार्ड का प्रयोग करते थे। नव वर्ष में तो इनकी काफी डिमांड रहती थी। महीनों पूर्व बाजार रंगबिरंगे ग्रीटिंग कार्डो से पट जाया करते थे। इसके अलावा कई लोग तो बाजार से कार्ड लेने के बजाय स्वयं अपनी कल्पनाओं को कागज में उकेर शुभकामना संदेश लिखकर मित्रों व सगे संबंधियों को भेजते थे। संदेश के साथ ही यह मित्रजनों के साथ भावनाओं का भी आदान प्रदान करते थे। इधर, संचार क्रांति के साथ देश में इंटरनेट व दूरसंचार कंपनियों का जाल बिछता गया। ग्रीटिंग कार्ड का स्थान एसएमएस, एमएमएस आदि ने लिया। अधिकांश लोगों के पास मोबाइल होने की वजह से लोग इनका बखूबी इस्तेमाल कर रहे है। दूसरी तरफ ग्रीटिंग कार्ड बाजार से लुप्त प्राय होने की स्थिति में है। ग्रीटिंग विक्रेताओं का कहना है कि विगत वर्षो की तुलना में अब नाममात्र के ही उपभोक्ता दुकानों में आ रहे है। एक समय था जब त्योहार आने से पहले दुकान पर लोगों की भीड़ लग जाती थी।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर