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Uttarkashi: यमुनोत्री में रोटेशन और प्रीपेड व्यवस्था का संचालन सबसे बड़ी चुनौती, पुलिस ने बनाई नई व्यवस्था

चारधाम यात्रा के बेहतर संचालन में पुलिस की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। बैरियरों पर तीर्थ यात्रियों की गणना पंजीकरण की जांच यातायात सुचारू रखने के साथ ही धामों में सुव्यवस्थित ढंग से तीर्थ यात्रियों को दर्शन कराने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है।

By Shailendra prasadEdited By: Shivam YadavPublished: Fri, 31 Mar 2023 12:49 AM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 12:49 AM (IST)
यमुनोत्री में रोटेशन व प्रीडेड व्यवस्था का संचालन सबसे बड़ी चुनौती

उत्तरकाशी [शैलेंद्र गोदियाल]। चारधाम यात्रा के बेहतर संचालन में पुलिस की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। बैरियरों पर तीर्थ यात्रियों की गणना, पंजीकरण की जांच, यातायात सुचारू रखने के साथ ही धामों में सुव्यवस्थित ढंग से तीर्थ यात्रियों को दर्शन कराने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है। हर बार यात्रा के दौरान यमुनोत्री धाम में अव्यवस्थाएं हावी रहती हैं। इनसे निपटने के लिए इस बार पुलिस ने नई व्यवस्था बनाने के साथ कुछ बदलाव किए हैं। लेकिन, मानव संसाधन की कमी से जूझ रही पुलिस के लिए नई व्यवस्था का क्रियान्वयन बड़ी चुनौती साबित होगा।

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दो नई पुलिस चौकी बनाई

यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर तीर्थ यात्री इस बार चेकिंग पोस्ट सहित 13 पुलिस चौकियों से होकर गुजरेंगे। यात्रा के बेहतर संचालन के लिए दो नई पुलिस चौकी (घोड़ा पड़ाव फूलचट्टी और भंगेली गाड़ के निकट पैदल मार्ग पर) बनाई गई हैं। पुरानी पुलिस चौकियों में डामटा, नौगांव, बड़कोट दोबाटा, पालीगाड़, स्यानाचट्टी, हनुमानचट्टी, जानकीचट्टी, यमुनोत्री धाम, नगुण चिन्यालीसौड़, धरासू बैंड और ब्रह्मखाल शामिल हैं। 

चेकिंग पोस्ट पर एक उप निरीक्षक, छह कांस्टेबल व एक हेड कांस्टेबल, जबकि छोटी व सीजनल चौकियों पर एक एएसआइ, एक हेड कांस्टेबल व चार कांस्टेबल तैनात रहते हैं। भीड़ के अनुरूप पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई और घटाई जाती है। यात्रा काल के दौरान यमुनोत्री धाम में एसडीआरएफ के जवान भी तैनात रहेंगे। गंगनानी में एसडीआरएफ की टीम तैनात है।

संकरे मार्ग पर जाम से निपटने की चुनौती

पालीगाड़ से जानकीचट्टी तक 27 किलोमीटर क्षेत्र में यमुनोत्री हाईवे बेहद संकरा है और मार्ग की स्थिति भी ठीक नहीं है। यात्रा सीजन में यहां अक्सर लंबा जाम लग जाता है। इस स्थिति में पुलिस को पालीगाड़ से जानकीचट्टी के बीच गेट सिस्टम लागू करना पड़ता है। इस कारण तीर्थ यात्रियों को डेढ़ से दो घंटे का इंतजार करना पड़ता है।

घोड़ा-खच्चर की रोटेशन व्यवस्था

जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम के लिए छह किमी लंबा पैदल मार्ग बेहद संकरा होने के साथ जोखिम भरा है। इसी मार्ग से तीर्थ यात्री धाम को जाते और वापस आते हैं। घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी का संचालन भी इसी मार्ग पर होने से अक्सर जाम की स्थिति बन जाती है। इससे निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन ने इस बार घोड़ा-खच्चर के लिए रोटेशन व्यवस्था लागू की है। इस बार घोड़ा पड़ाव जानकीचट्टी से दो किलोमीटर पहले फूलचट्टी में बनाया गया है। बुकिंग के लिए प्रीपेड व्यवस्था होगी, जिससे किराया अधिक न वसूला जा सके।

यमुनोत्री यात्रा के लिए हैं तीन चेकिंग पोस्ट

उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री यात्रा मार्ग तीन पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। तीनों थाना क्षेत्र में चेकिंग पोस्ट हैं। ऋषिकेश से यमुनोत्री जाने वाले तीर्थ यात्री पहले चंबा होते हुए नगुण चिन्यालीसौड़ पहुंचेंगे। नगुण के पास धरासू थाने की चेकिंग पोस्ट है। यहां पंजीकरण की जांच के बाद यात्री धरासू बैंड होते हुए बड़कोट दोबाटा पहुंचेंगे। दोबाटा के पास बड़कोट थाने का पंजीकरण जांच केंद्र और चेकिंग पोस्ट है। देहरादून, विकासनगर और मसूरी यमुना पुल के रास्ते आने वाले तीर्थयात्रियों के पंजीकरण की जांच के लिए पुरोला थाने के अंतर्गत डामटा में चेकिंग पोस्ट है।

चेकिंग पोस्ट पर नहीं बेहतर सुविधा

नगुण चिन्यालीसौड़ के पास कोरोना काल में स्थायी पुलिस चौकी बनी थी, लेकिन तीर्थ यात्रियों के लिए स्वच्छ पेयजल, शौचालय और यात्री शेड की यहां व्यवस्था नहीं है। डामटा के पास यात्रा सीजन में पुलिस तंबू लगाकर चेकिंग पोस्ट बनाती है। यहां भी तीर्थ यात्रियों के लिए नागरिक सुविधाएं नहीं हैं। दोबाटा बड़कोट में नगर पालिका ने शौचालय का निर्माण तो किया है, मगर स्वच्छ पेयजल और धूप व वर्षा से बचने के लिए यात्री शेड नहीं है। पुलिस यहां भी तंबू लगाकर अस्थायी चेकिंग पोस्ट बनाती है।

होमगार्ड और पीआरडी जवानों के भरोसे व्यवस्था

यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए 100 होमगार्ड और 150 पीआरडी जवानों की मांग पुलिस की ओर से की गई है। इसलिए अधिकांश स्थानों पर पुलिस से अधिक पीआरडी और होमगार्ड के जवान नजर आएंगे।

इन्होंने कहा…

उत्तरकाशी पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि चारधाम यात्रा के बेहतर संचालन के लिए पीआरडी जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिससे वह तीर्थ यात्रियों सही सूचना और जानकारी दे सकें। इनकी तैनाती यात्रा मार्ग पर की जाएगी। फूलचट्टी और भंगेली गाड़ में नई पुलिस चौकी बनाई गई है। इस बार यमुनोत्री धाम में घोड़ा-खच्चर की रोटेशन व्यवस्था की निगरानी पुलिस के पास रहेगी। रोटेशन व्यवस्था और प्रीपेड काउंटर का संचालन सख्ती के साथ कराया जाएगा।


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