सीएम पुष्कर सिंह धामी और बाबा रामदेव ने गंगोत्री में अन्वेषण टीम को दिखाई हरी झंडी, बताया- उत्तराखंड के लिए बड़ी खोज
Uttarkashi News बुधवार को गंगोत्री में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और योग गुरु बाबा रामदेव ने अन्वेषण पर्वतारोहण टीम को फ्लैग ऑफ किया। फ्लैग ऑफ से पहले योग गुरु स्वामी रामदेव ने गंगोत्री धाम में तीन घंटे तक मां गंगा के तट पर योग किया।
टीम जागरण, उत्तरकाशी : Uttarkashi News : तीन अनाम चोटियों के आरोहण और नई जड़ी-बूटी एवं वनस्पतियों की खोज के लिए रक्तवन ग्लेशियर क्षेत्र जा रहे संयुक्त अन्वेषण अभियान दल को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फ्लैग आफ किया।
इसके बाद मुख्यमंत्री और योग गुरु बाबा रामदेव ने अभियान दल के साथ गंगोत्री से गोमुख की ओर एक किमी तक ट्रैकिंग भी की।
23 सितंबर तक चलेगा अभियान
संयुक्त अन्वेषण दल पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। अभियान 23 सितंबर तक चलेगा। मंगलवार को दल रात्रि विश्राम के लिए गंगोत्री से 14 किमी आगे भोजवासा पहुंचा।
गंगोत्री मंदिर परिसर में आयोजित फ्लैग आफ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पतंजलि योगपीठ हरिद्वार, निम उत्तरकाशी व भारतीय पर्वतारोहण संस्थान नई दिल्ली का संयुक्त अन्वेषण अभियान उत्तराखंड के साथ ही देश के विशेष मायने रखता है।
इस अभियान के जरिये तीन नई चोटियों का आरोहण और नई जड़ी-बूटी व औषधीय वनस्पतियों के नए रूप सामने आएंगे। कहा कि भारत ने संपूर्ण विश्व को योग एवं आयुर्वेद की उपयोगिता बताई है।
इसलिए उनकी सरकार ने संकल्प लिया है कि उत्तराखंड को विश्व की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी बनाया जाएगा। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश चौहान, जिला महामंत्री हरीश डंगवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण, नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल, मुख्यमंत्री के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी किशोर भट्ट, गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल, लोकेंद्र सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे।
गंगा स्वच्छता की दिलाई शपथ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगोत्री धाम में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उन्होंने उपस्थित समुदाय को मां गंगा की निर्मलता, अविरलता और स्वच्छता बनाए रखने की शपथ भी दिलाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार अब तक लगभग 33.5 लाख तीर्थ यात्री चारों धाम की यात्रा कर चुके हैं। मां गंगा व बाबा केदार के आशीर्वाद से यात्रा सुगम एवं सुरक्षित चल रही है।
आयुर्वेद के क्षेत्र में एक हजार करोड़ का निवेश करेगी पतंजलि योगपीठ
गंगोत्री में आयोजित फ्लैग आफ कार्यक्रम के दौरान योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि उत्तराखंड आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक राजधानी बनने जा रहा है। आयुर्वेद के क्षेत्र में उत्तराखंड विश्व का नेतृत्व करे, इसके लिए पतंजलि योगपीठ सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है।
आयुर्वेद के क्षेत्र में पतंजलि योगपीठ एक हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश करेंगी, ताकि युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके। बाबा रामदेव ने देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू किए जाने को लेकर किए जा रहे कार्य की सराहना की और इसके लिए मुख्यमंत्री धामी को बधाई दी। संयुक्त अन्वेषण को लेकर बाबा रामदेव ने कहा कि यह एक नया इतिहास रचने का अभियान है।
बाबा रामदेव की गंगोत्री में योग साधना की यादें हुई ताजा
योग गुरु बाबा रामदेव ने गंगोत्री धाम में योग अभ्यास कर अपनी योग साधना की यादें ताजा की है। बाबा रामदेव ने बुधवार की सुबह करीब ढाई घंटे तक गंगा घाट पर तीर्थ पुरोहितों व तीर्थयात्रियों को योग अभ्यास कराया। बाबा रामदेव ने गंगोत्री क्षेत्र में गुफाओं ओर कंद्राओं में करीब 12 वर्षों तक योग साधना की है।
गंगोत्री धाम में बुधवार सुबह पांच बजे से भागीरथी किनारे गंगा घाट पर बाबा रामदेव ने योग अभ्यास कराया। इस दौरान आचार्य बालकृष्ण ने यज्ञ पूजन किया। बाबा रामदेव ने गंगोत्री क्षेत्र में अपनी योग साधना की यादों को भी साझा किया।
साथ ही तीर्थ पुरोहितों और तीर्थ यात्रियों योग की अलग-अलग क्रिया, उनके लाभ के बारे में बताया। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि 90 के दशक के दौरान करीब 12 वर्षों तक गंगोत्री में स्वामी रामदेव और उन्होंने योग साधना की है।
यह गंगोत्री की ही पावन भूमि है जहां से योग की ख्याति आज दुनिया में गुंजायमान है। गंगोत्री से ही योग को विश्व भर में एक प्रतिष्ठा, सम्मान और व्यापकता मिली है। बाबा रामदेव ने वर्ष 1992 से 94 के बीच श्री कृष्ण आश्रम, गंगाबाग, सोहम गुफा, गौरीकुंड आदि जगहों में योग साधना करके आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया।
1995 में उन्होंने संन्यास ग्रहण करके योग को गुफाओं, कंदराओं एवं संभ्रांत लोगों के दायरे से बाहर लाकर जन सामान्य तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया। 2014 में बाबा रामदेव गंगोत्री के आगे तपोवन में भी गए।