प्लास्टिक का कूड़ा कनखू बैरियर तक पहुंचा रहे हैं पर्यटक
केदारनाथ में कूड़े को लेकर सामने आई स्थिति पर इंटरनेट मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया हो रही हैं। लेकिन गंगोत्री नेशनल पार्क में पर्यटकों की जागरूकता और पार्क कर्मियों की सतर्कता से स्वच्छता को लेकर सुखद स्थिति है। पर्यटक गंगोत्री नेशनल पार्क की सैर करने के बाद प्लास्टिक का कूड़ा कचरा गंगोत्री के निकट कनखू बैरियर तक पहुंचा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि अभी तक 1
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : केदारनाथ में कूड़े को लेकर सामने आई स्थिति पर इंटरनेट मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया हो रही हैं। लेकिन, गंगोत्री नेशनल पार्क में पर्यटकों की जागरूकता और पार्क कर्मियों की सतर्कता से स्वच्छता को लेकर सुखद स्थिति है। पर्यटक गंगोत्री नेशनल पार्क की सैर करने के बाद प्लास्टिक का कूड़ा, कचरा गंगोत्री के निकट कनखू बैरियर तक पहुंचा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि अभी तक 18 बड़ी बोरियां में जैविक व अजैविक कूड़ा एकत्र हो चुका है।
गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट गत एक अप्रैल को सैलानियों और पर्वतारोहियों के लिए खोले गए थे। जिसके बाद पर्यटकों और सैलानियों की चहल कदमी निरंतर जारी है। अभी तक 870 भारतीय पर्यटक पहुंचे हैं जिसमें 657 पुरुष और 213 महिलाएं शामिल हैं। साथ ही 70 विदेशी सैलानी भी पहुंचे हैं। तीन पर्वतारोही दल दल भी गए हैं। लेकिन, गंगोत्री नेशनल पार्क ने कूड़ा कचरा प्रबंधन के लिए खास व्यवस्था की है। जब गंगोत्री धाम से सैलानी गोमुख, तपोवन, नंदनवन, भोजवासा, रक्तवन, सीता ग्लेशियर, वासुकी ताल, खड़ा पत्थर की ओर जाते हैं तो गंगोत्री से एक किमी दूर कनखू बैरियर पर परमिट की जांच होती है। गंगोत्री में आफलाइन परमिट की भी व्यवस्था है। कनखू बैरियर में तैनात वन दारोगा राजवीर सिंह रावत ने बताया कि कनखू बैरियर के पास सैलानियों और पर्वतारोहियों के सामान की गणना और जांच होती हैं। जिसमें देखा जाता है कि पर्यटक के पास प्लास्टिक की कितनी बोतलें, कितने चिप्स के पैकेट और मैग्गी, चाकलेट, बिस्कुट आदि के कितने पैकेट हैं। उसी हिसाब से जमानत राशि जमा करनी होती है। साथ ही पार्क की ओर से एक गार्बेज बैग भी दिया जाता है। जब पर्यटक पार्क की सैर करके लौटते हैं तो सबसे पहले पर्यटक को खाद्य पदार्थों के खाली पैकेट, पानी व जूस की खाली बोतलें दिखानी पड़ती हैं। अगर किसी सामान के पैकेट की संख्या कम मिली तो जमानत राशि जब्त की जाती है। पांच हजार रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाता है। लेकिन, अभी तक जुर्माना लगाने की स्थिति नहीं आयी है। पार्क में जाने वाले पर्यटकों को कनखू बैरियर के पास जागरूक किया जाता है। जिससे पर्यटक सैर करने के बाद कूड़ा साथ में वापस ला रहे हैं।