श्रीदेवसुमन विवि : समायोजन में वरिष्ठता को किया दरकिनार
श्रीदेव सुमन विवि ऋषिकेश कैंपस के लिए किए गए समायोजन में वरिष्ठ प्राध्यापकों के चयन न होने पर सवाल उठे रहे हैं। जिसमें वरिष्ठता और प्रशासनिक अनुभव को दरकिनार किया गया है।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : श्रीदेव सुमन विवि ऋषिकेश कैंपस के लिए किए गए समायोजन में वरिष्ठ प्राध्यापकों के चयन न होने पर सवाल उठे रहे हैं। जिसमें वरिष्ठता और प्रशासनिक अनुभव को दरकिनार किया गया है। ऐसा उत्तरकाशी स्थित रामचंद्र उनियाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय में तैनात हिदी के वरिष्ठ प्राध्यापक के साथ भी हुआ है, जिससे क्षुब्ध होकर हिदी के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. सुरेशचंद्र ममगांई ने उच्च शिक्षा निदेशालय सहित उच्च शिक्षा मंत्री को पत्र भेजा है।
हिदी के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. सुरेशचंद्र ममगांई ने कहा कि छह माह पहले श्रीदेव सुमन विवि ऋषिकेश कैंपस के लिए समायोजन आवेदन मांगे गए थे। वरिष्ठता के आधार उन्होंने आवेदन किया, लेकिन, उनकी वरिष्ठता को दरकिनार किया गया। चयनित तीन प्राध्यापकों में एक को छोड़कर उनसे बहुत अधिक कनिष्ठ हैं। जिन्हें प्रशासनिक अनुभव भी नहीं है। वरिष्ठता के आधार पर पहला समायोजन चयन उनका होना चाहिए था। वह गत 26 वर्षों से सेवा में हैं। उनके मार्गदर्शन में 17 छात्र-छात्राओं ने पीएचडी की है। प्रो. सुरेशचंद्र ममगांई ने कहा कि उनका प्रोफसर ग्रेड-पे 2012 का है। जबकि जिनका चयन किया गया उनका प्रोफेसर ग्रेड-पे 2015 के बाद का है। उन्होंने चयन समिति पर आरोप लगाए हैं कि वरिष्ठ प्राध्यापकों के समायोजन चयन में मानकों को ताक पर रखा गया है। समायोजन पद के लिए आवेदन जारी करने के बाद अपनी सुविधा अनुसार नियम बना रहे हैं। सीआर से संबंधित सूचना भी शासन की ओर से उन्हें नहीं दी गई। पदोन्नति में आधार मानी जाने वाली सीआर को समायोजन में आधार बता रहे हैं। संगीत विषय में भी इसी तरह ही वरिष्ठता को दरकिनार किया गया है।