अब चीन सीमा पर सरपट पहुंचेंगे सेना के वाहन, छह चौकियां सड़क से जुड़ी
उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले से लगी चीन सीमा पर स्थित छह चौकियों तक पहुंचने के लिए अब पैदल सफर तय नहीं करना पड़ेगा। ये सड़क मार्ग से जुड़ गई हैं।
उत्तरकाशी, [शैलेंद्र गोदियाल]: सेना और आइटीबीपी के जवानों को उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले से लगी चीन सीमा पर स्थित अपनी छह चौकियों तक पहुंचने के लिए अब पैदल सफर तय नहीं करना पड़ेगा। सरहद की इन अंतिम चौकियों पर सेना के वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई है। इन चौकियों तक पहुंचने वाली सड़क को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) व केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने तैयार किया है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ने वाली इस सड़क पर अभी ब्लैक टॉप (डामरीकरण) होना बाकी है।
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सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तरकाशी जिले की नेलांग घाटी में करीब छह दर्रे हैं, जो भारत-चीन सीमा को जोड़ते हैं। इन्हीं दर्रों के निकट चौकसी के लिए भारतीय सेना व आइटीबीपी ने अपनी चौकियां स्थापित की हैं। पांच साल पहले तक सेना व आइटीबीपी के जवानों को इन चौकियों तक पहुंचने के लिए नागा चेक पोस्ट से 20 से 30 किलोमीटर की दूरी पैदल नापनी पड़ती थी।
साथ ही अपना सामान भी पीठ पर लादकर ले जाना पड़ता था। इसके अलावा अन्य विकल्प सिर्फ हेलीकॉप्टर ही था। लेकिन, अब अंतिम चौकी सोमला, मेंडी, नीला पानी, पीडीए, त्रिपानी व जादूंग तक सड़क पहुंच चुकी है। नागा चेक पोस्ट से 10 किलोमीटर की दूरी पर पडऩे वाली सोनम चेक पोस्ट से आगे केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने काफी तेजी से काम किया है।
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चीन सीमा से आने वाली जाह्नवी नदी को पार करने के लिए छह पुल भी बनकर तैयार हो गए हैं। इन पुलों के बनने से बरसात में सेना व आइटीबीपी के वाहनों को अपनी चौकियों तक पहुंचने में परेशानी नहीं होगी। इसके साथ ही सीमा सड़क संगठन भी भैरव घाटी से लेकर नागा चेक पोस्ट तक चार पुलों का निर्माण कर रहा है। इनमें से दो पुल इसी साल बनकर तैयार हो जाएंगे।
चीन सीमा सिर्फ पांच किमी दूर
नेलांग घाटी की अंतिम चौकी सोमला से पांच किलोमीटर और मेंडी से अब चीन की सीमा मात्र सात किलोमीटर दूर रह गई है, जहां सेना के जवान आसानी से नजर रख सकते हैं। सुरक्षा के लिहाज से सोमला, मेंडी, नीला पानी, पीडीए, त्रिपानी व जादूंग तक सैन्य वाहनों की आवाजाही एक बड़ा कदम है।
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सीमा तक ब्लैक टॉप होनी है सड़क
तीन साल के अंतराल में भैरव घाटी से लेकर सोमला-मेंडी तक सड़क ब्लैक टॉप भी हो जाएगी। बीआरओ और सीपीडब्ल्यूडी को केंद्र सरकार ने 2020 तक का लक्ष्य दिया है। लेकिन, निर्माणदायी संस्थाओं का दावा है कि 2019 में पूरी सड़क ब्लैक टॉप हो जाएगी।
सीमा को जोडऩे वाली सड़क पर पुलों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। दो पुल इसी वर्ष और दो 2017 में बनकर तैयार हो जाएंगे। तीन साल के अंतराल में यह सड़क भी ब्लैक टॉप हो जाएगी।
-एससी लूनिया, कमांडर, सीमा सड़क संगठन
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