रहमान के लिए तो रामकथा है कुरान
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : मोरारी बापू जब कथा के दौरान भजन, चौपाई गाते हैं, तब मंच से उ
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : मोरारी बापू जब कथा के दौरान भजन, चौपाई गाते हैं, तब मंच से उनका साथ देते हैं दिलावर रहमान समां। मोरारी बापू की टीम के मुख्य गायक दिलावर रहमान हैं। मोरारी बापू के साथ वह भक्ति के रंग में ऐसे रंग गए हैं कि अब रामकथा को ही कुरान मानते हैं। रोजाना गीता और रामायण का पाठ भी करते हैं।
पिछले 40 साल से मोरारी बापू के साथ रामकथा कर रहे हैं, अभी तक 400 कथाओं में शामिल हो चुके हैं। इन दिनों गंगोत्री में भी दिलावर रहमान रामकथा में भजन और चौपाई पर संगत दे रहे हैं। दिलावर रहमान को मोरारी बापू प्यार से दिला बुलाते हैं। वह मोरारी बापू के गांव महुआ के ही रहने वाले हैं। 10 साल की उम्र से ही रामायण पढ़ने लगे थे। 13 साल की उम्र से मोरारी बापू से जुड़े हैं। 10 साल तो उनकी गोशाला में काम किया। इसके बाद अपनी गायन प्रतिभा के दम पर मोरारी बापू की टीम में शामिल हो गए।
मोरारी बापू के कहने पर ही इन्होंने अपनी बेटी का नाम गंगोत्री रखा है। दिलावर रहमान कहते हैं कि इतने साल में रामायण की चौपाइयां याद हो गई हैं। मोरारी बापू के साथ रहो, तो समय का पता ही नहीं चलता।
जब कथा हो, तब फिल्मों के लिए नहीं करते काम
मोरारी बापू की कथा में शहनाई के जरिये साथ देते हैं गजानंद सालुंके। यह वही गजानंद हैं, जो 'हम दिल दे चुके सनम', 'सांवरिया', 'खलनायक', 'तिरंगा', 'प्रेमग्रंथ', 'राउडी राठौड़' जैसी फिल्मों में शहनाई बजा चुके हैं। इनका बेटा राजेंद्र भी 'सिया के राम' धारावाहिक में अभी शहनाई बजा रहा है। मुंबई के रहने वाले गजानंद तब भी फिल्मों, धारावाहिकों के लिए शहनाई वादन करते हैं, जब मोरारी बापू की कथा नहीं होती। गजानंद लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के साथ काम कर चुके हैं तथा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भी इनकी शहनाई की तारीफ कर चुके हैं।