तीन बार सर्वे के बाद भी सड़क का निर्माण नहीं
जागरण संवाददाता उत्तरकाशी सीमांत जिले के डुंडा ब्लॉक अंतर्गत मांडियासारी गांव में आजाद
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : सीमांत जिले के डुंडा ब्लॉक अंतर्गत मांडियासारी गांव में आजादी के सात दशक बाद भी सड़क नहीं पहुंची है। गांव में सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को करीब पांच किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ रही है। गांव तक सड़क निर्माण की मांग को लेकर गांव के ग्रामीण कई बार शासन-प्रशासन स्तर पर गुहार लगा चुके हैं, लेकिन आज तक किसी का ध्यान ग्रामीणों की समस्या की ओर नहीं गया।
डुंडा ब्लॉक के मसून, मंडियासारी, बांडगा, पटियाल समेत चार गांवों के लिए 2002 में सड़क स्वीकृत हुई। इसको लेकर 2005, 2007 और 2016 में लोनिवि विभाग ब्रह्मखाल-मंडियासारी-मसून की करीब 10 किमी सड़क का सर्वे कार्य किया, लेकिन, लोनिवि ने इस सड़क के निर्माण की कार्यवाही सर्वे से आगे नहीं बढ़ रही है। ग्रामीण पूरण ¨सह बिष्ट का कहना है कि सड़क निर्माण नहीं होने से गांव का विकास अवरुद्ध हो रहा है। सड़क नहीं होने से गांव से धीरे-धीरे पलायन होता जा रहा है। बीमारी की स्थिति में परिस्थितियां और भी गंभीर हो जाती हैं। ऐसा नहीं कि इस सड़क के निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने आंदोलन नहीं किया। मंडियासारी के ग्रामीणों ने कई बार आंदोलन कर दिए हैं तथा गांव में क्रमिक अनशन भी किया, लेकिन उसके बाद भी सड़क निर्माण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ी। ग्रामीण विनीता रावत, रामलाल शाह, र¨वद्र ¨सह रावत ने कहा कि अब लोकसभा चुनाव व पंचायती चुनाव करीब आ रहे हैं। नेता वोट मांगने के लिए गांव में आएंगे, लेकिन ग्रामीण किसी पार्टी के नेताओं को वोट देने के बजाय नोटा को अपना वोट देंगे। लोनिवि के ईई विरेंद्र पुंडीर ने बताया कि मंडियासारी सड़क के लिए सर्वे कार्य पूरा हो चुका। सड़क का प्रस्ताव वन स्वीकृति व वित्तीय स्वीकृति के लिए शासन को भेज दिया गया है।