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शीतकालीन यात्रा की बेरुखी पर नाराजगी

संवाद सूत्र, बड़कोट : शीतकालीन यात्रा को लेकर शासन-प्रशासन की बेरुखी से यमुनोत्री धाम के पंड

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 03:00 AM (IST)
शीतकालीन यात्रा की बेरुखी पर नाराजगी
शीतकालीन यात्रा की बेरुखी पर नाराजगी

संवाद सूत्र, बड़कोट : शीतकालीन यात्रा को लेकर शासन-प्रशासन की बेरुखी से यमुनोत्री धाम के पंडा समाज में नाराजगी है। पदाधिकारियों ने मुख्यसचिव को पत्र लिखकर सरकार पर आरोप लगाया कि शीतकालीन यात्रा को लेकर जहां बीते वर्षों में संजीदगी दिखाई जाती रही थी, वहीं इस वर्ष नतीजा कागजी ही रहा है। अभी तक कोई भी सरकारी पहल इस यात्रा को लेकर नहीं की गई है।

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शीतकालीन यात्रा के तहत सरकार ने प्रचार-प्रसार और पूजा के लिए 12 लाख पचास हजार रुपये भी दिए, लेकिन इस वर्ष सरकार की बेरुखी के चलते शीतकालीन यात्रा को लेकर सरकार ने कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखाई। पिछले वर्ष शीतकालीन यात्रा के लिए पैकेज देने के साथ ही सभी विभागों को यात्रा मार्ग और खरसाली में चाक चौबंद व्यवस्था के निर्देश भी दिए थे। शीतकाल चरम पर है, लेकिन अभी तक खरसाली में समस्याएं जस की तस हैं। कपाट बंद होने के बाद से अब तक 10-12 यात्रियों ने ही खरसाली में दर्शन किए हैं। शीतकालीन पड़ाव में यह हैं समस्याएं

-संचार सुविधा बदहाल।

-मेडिकल रिलीव पोस्ट नहीं है।

-सुरक्षा व्यवस्था नहीं।

-सफाई कर्मी नहीं है।

-लाइट की कोई भी व्यवस्था नहीं है।

-स्नोकटर की व्यवस्था नहीं।

जमीन देने के बाद भी नहीं बना रोपवे

मंदिर समिति के सचिव कीतेश्वर उनियाल ने सरकार पर आरोप लगाया कि एक तरफ सरकार चार धाम को आर्थिकी का जरिया मानती है, वहीं चारों धाम की उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि हेमकुंड और मसूरी में रोपवे बनाने के लिये टेंडर जारी कर दिए गए हैं, किन्तु खरसाली में स्थानीय काश्तकारों की ओर से 90 नाली से भी अधिक जमीन दिए जाने के बाद भी अभी तक यमुनोत्री धाम के लिए रोपवे का निर्माण नहीं किया जा रहा है।


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