कूड़े में फिर तब्दील होने लगा रामलीला मैदान
संवाद सहयोगी उत्तरकाशी उत्तरकाशी की ह्दयस्थली कहा जाने वाला रामलीला मैदान एक बार फिर
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : उत्तरकाशी की ह्दयस्थली कहा जाने वाला रामलीला मैदान एक बार फिर कूड़े में तब्दील होना शुरू हो गया है। नगरपालिका बाड़ाहाट उत्तरकाशी के पास डंपिग जोन नहीं होने के कारण रामलीला मैदान में कूड़े का ढ़ेर लगना शुरू हो गया है। गंदगी के कारण आसपास के लोगों को संक्रामक बीमारियों का भय भी सताने लगा है। उधर, पालिका प्रशासन के लिए कूड़े का समाधान गले की फांस बनता जा रहा है। पालिका इसका समाधान करने के बजाय इस ओर चुप्पी साधे बैठी हुई है।
नगर पालिका क्षेत्र में डंपिग जोन नहीं होने के कारण नगर की सारी गंदगी सड़क किनारे और रामलीला मैदान में जमा हो रही है। यह समस्या कई माह से है। जनवरी माह में मकर सक्रांति पर्व पर रामलीला मैदान में बाड़ाहाट का थौलू का आयोजन किया गया था। सात दिनों तक चले मेले के दौरान पालिका प्रशासन ने पुलिस प्रशासन के सहयोग से रामलीला मैदान में जमा गंदगी को कंसेण गांव के नजदीक जलविद्युत निगम की भूमि पर डंप कर दिया था। कंसेण के वाशिदों ने आपत्ति दर्ज कर वहां पर कूड़ा न फेंकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाल दी, जिसका मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। पालिका प्रशासन ने तब कूड़े के समाधान के लिए तांबाखानी सुरंग के बाहर वाली सड़क पर कूड़े को डंप करना शुरू कर दिया। लेकिन अधिक कूड़ा होने के कारण यहां पर भी नगर का पूरा कूड़ा नहीं समा पा रहा है। इसके चलते एक बार फिर रामलीला मैदान में फिर गंदगी फैल गई है। गंदगी के कारण आसपास के लोगों को दुर्गंध से जूझना पड़ रहा है। वहीं रामलीला मैदान सामाजिक गतिविधियों के स्थान पर कूड़ा डंपिग स्थल बनकर रह गया है। नगर पालिका बाड़ाहाट के अध्यक्ष रमेश सेमवाल ने बताया कि कूड़े के समाधान के लिए शासन-प्रशासन से पत्राचार किया जा रहा है। जल्द ही समस्या का उचित समाधान होगा।