Move to Jagran APP

गर्भवतियों पर भारी पड़ रही बर्फबारी और सिस्टम की दुश्वारी, पढ़िए पूरी खबर

इस बार हुई भारी बर्फबारी ने तमाम दुश्वारियां खड़ी की हैं। उत्तरकाशी में इसका सबसे ज्यादा खामियाजा गर्भवती महिलाओं बच्चों और बुजुर्गों को भुगतना पड़ रहा है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 05:19 PM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 05:19 PM (IST)
गर्भवतियों पर भारी पड़ रही बर्फबारी और सिस्टम की दुश्वारी, पढ़िए पूरी खबर

उत्तरकाशी, जेएनएन। सीमांत जनपद में इस बार हुई भारी बर्फबारी ने तमाम दुश्वारियां खड़ी की हैं। इन दुश्वारियों को कम करने में सिस्टम भी नाकाम साबित हो रहा है। जिसका खामियाजा गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को भुगतना पड़ रहा है। जिम्मेदार विभागों ने तो गर्भवतियों को अपने हाल पर छोड़ा दिया है। इन गर्भवतियों को सबसे अधिक परेशानी सड़क मार्ग, पैदल मार्ग के बंद होने और बिजली और संचार सेवा के ठप होने से हो रही है। 

loksabha election banner

सीमांत जनपद मोरी, पुरोला और भटवाड़ी ब्लॉक के 25 से अधिक गांव बर्फबारी से ढके हुए हैं। इन गांवों में दुश्वारियों का पहाड़ खड़ा है। मोरी ब्लॉक के प्रमुख बचन पंवार ने कहा कि बर्फबारी से लोग गांव में कैद होने के साथ-साथ बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सड़क की समस्याओं से भी जूझ रहे हैं। मोरी ब्लॉक की पंचगाई पट्टी के 15 से अधिक गांवों में पिछले 14 दिनों से बिजली गुल है। जखोल से आगे फिताड़ी तक सड़क मार्ग भी बंद है। जबकि दो माह से इस क्षेत्र में संचार सेवा ठप है। 

ब्लॉक की बडासू पट्टी के ओसला गंगाड़, ढाटमीटर, पंवाणी में पिछले 12 दिनों से बिजली नहीं है। इन गांवों को जोडऩे वाला सांकरी-तालुका सड़क मार्ग के साथ पैदल मार्ग भी बर्फबारी से बंद है। ये क्षेत्र अभी तक संचार सेवा से नहीं जुड़ सका है। पुरोला ब्लॉक का सर बडियार क्षेत्र भी बर्फबारी से ढका हुआ है। नौगांव ब्लॉक की गीठ पट्टी के चार गांव भी बर्फबारी से ढके हुए हैं साथ ही भटवाड़ी ब्लॉक के सात गांव भी पूरी तरह से बर्फ से ढके हुए हैं। इन सीमांत गांवों में सबसे अधिक परेशानी उन गर्भवतियों को है, जिनका प्रसव फरवरी माह में होना है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार फरवरी माह में 60 महिलाओं का प्रसव होना है। 

लापरवाही बरतने वालों पर होगी कार्रवाई 

बीते शनिवार की रात को फिताड़ी गांव में जिस गर्भवती महिला की मौत हुई है उस मामले में स्वास्थ्य विभाग और मोरी तहसील प्रशासन की लापरवाही भी सामने आ रही है। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि फिताड़ी गांव में जिस गर्भवती की मौत हुई है उसकी प्रसव की तिथि 16 जनवरी थी। लेकिन, इस बीच में स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय अधिकारियों ने संबंधित गर्भवती की  मॉनिटरिंग क्यों नहीं की। इसमें लापरवाही कहां हुई है। इसकी जांच की जा रही है। 

सीएमओ डॉ. फिताड़ी ने बताया कि गांव में गर्भवती की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग की कोई लापरवाही नहीं है। सड़क बंद होने के कारण गर्भवती को अस्पताल तक नहीं लाया जा सका। साथ ही उस क्षेत्र में संचार की सुविधा भी सुचारु नहीं थी। 

गर्भवती को नहीं मिल सका इलाज, तोड़ा दम 

सुदूरवर्ती मोरी ब्लाक के फिताड़ी गांव में प्रसव पीड़ा के दौरान एक गर्भवती की मौत हो गई। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि फिताड़ी और लिवाड़ी गांव के लिए मेडिकल टीम गठित कर रवाना की है। यह टीम सोमवार को फिताड़ी गांव पहुंच कर अन्य प्रसव पीड़िताओं की जांच करेगी। शनिवार की रात को सुदूरवर्ती फिताड़ी गांव में रणदेवी पत्नी रणदेव सिंह को प्रसव पीड़ा हुई, लेकिन रात का समय होने के साथ गांव में संचार सेवा ठप और सड़क मार्ग बंद होने के कारण प्रसव पीड़िता को अस्पताल तक नहीं लाया जा सका। 

यह भी पढ़ेें: Uttarakhand Weather: बर्फबारी ने खतरनाक बनाया पहाड़ों का सफर, उत्‍तराखंड फिर बदल सकता है मौसम

गांव के कृष्णदेव राणा ने बताया कि गांव में संचार सेवा काफी दिनों से ठप पड़ी हुई है, जिसके कारण मदद के लिए प्रसव पीड़िता की सूचना प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी जा सकी। इसके अलावा खेड़ा घाटी से लेकर फिताड़ी तक बर्फ के कारण मार्ग बंद है। इससे महिला को रात में उपचार के लिए नहीं पहुंचाया जा सका। जब तक ग्रामीणों ने महिला को पैदल ही अस्पताल ले जाने की तैयारी की, तब तक गर्भवती महिला ने दम तोड़ दिया। इस मामले में सीएमओ डॉ. डीपी जोशी ने बताया कि इस घटना की सूचना मिली है। संबंधित पीएचसी के प्रभारी से इस संबंध में रिपोर्ट ली जा रही है। 

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Weather: कड़ाके की शीत की चपेट में उत्तराखंड, सड़कों पर पाला बन रहा मुसीबत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.