स्वजनों के हवाले है पंचायत क्वारंटाइन की जिम्मा
जागरण संवाददाता उत्तरकाशी पंचायत क्वारंटाइन किए प्रवासियों की खाने और बिस्तर की व्यवस्था
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : पंचायत क्वारंटाइन किए प्रवासियों की खाने और बिस्तर की व्यवस्था स्वजनों के हवाले है। कुछ स्थानों पर ग्राम प्रधानों ने अपने संसाधनों से व्यवस्था की है। शासन और प्रशासन की ओर से अभी तक किसी भी प्रधान को बजट उपलब्ध नहीं कराया है। बजट आवंटन में खास प्रावधान होने के कारण सभी ग्राम पंचायतों को बजट मिलना भी संभव नहीं है।
उत्तरकाशी जनपद में वर्तमान में पंचायत क्वारंटाइन होने वालों प्रवासियों की संख्या 2832 है, जबकि होम क्वारंटाइन होने वालों की संख्या 1619 है। पंचायत क्वारंटाइन सेंटर स्कूल, पंचायत भवन, पटवारी चौकी और छानियों में भी बनाए हैं। लेकिन, पंचायत क्वारंटाइन सेंटर में बिस्तर से लेकर खाने-पीने की पूरी व्यवस्था स्वजन ही देख रहे हैं। कुछ ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों व प्रधानों ने अपने संसाधनों से राशन व बर्तन आदि उपलब्ध कराए हैं। सरकार की ओर सभी ग्राम पंचायतों को बजट उपलब्ध कराने की सूचना पर मानपुर गांव में कुछ लोगों ने प्रधान के साथ मारपीट तक की। इस तरह की घटनाएं अन्य गांवों में भी हो रही हैं। हालांकि, हकीकत ये है कि जनपद में किसी भी गांव को एक रुपया नहीं मिला है। खाने की व्यवस्था स्वजन देख रहे हैं।
-प्रताप रावत, जिलाध्यक्ष, प्रधान संगठन पंचायत क्वारंटाइन स्कूल, पंचायत भवनों में किया जा रहा है। जहां बिस्तर, बर्तन और खाने की व्यवस्था स्वजन ही देख रहे हैं।
-शैलेंद्री देवी, प्रधान मल्ला हमारे गांव में जो परिवार आíथक रूप से कमजोर हैं, उन परिवारों को अपने संसाधनों से राशन उपलब्ध कराया है। जिससे वे पंचायत क्वारंटाइन हुए अपने परिवार के सदस्यों को भोजन उपलब्ध करा सकें। पंचायत क्वारंटाइन के लिए सरकार की ओर से कोई भी पैसा नहीं मिला।
तनुजा चौहान, ग्राम प्रधान थाती शासन की ओर से धनराशि आ चुकी है, लेकिन आदेश के अनुसार पंचायत क्वारंटाइन में उन्हीं व्यक्तियों के लिए धनराशि दी जा सकती है, जो परिवार क्वारंटाइन हुए व्यक्तियों को खाना व बिस्तर उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। इसके लिए वित्त आयोग के कंटेंजेंसी मद से धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।
-डॉ. आशीष चौहान , जिलाधिकारी उत्तरकाशी