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75 हजार में सिर्फ 1831 को रोजगार

By Edited By: Published: Mon, 15 Sep 2014 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 15 Sep 2014 01:00 AM (IST)

पंकज कुमार, उत्तरकाशी

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महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत जिले के लोगों को काम नहीं मिल पा रहा है। बीते पांच महीनों से जिले में पंजीकृत कुल 75 हजार बेरोजगार मजदूरों में से केवल दो फीसद को ही रोजगार मिल पाया है।

मनरेगा के तहत पंजीकृत मजदूरों को 100 दिनों का रोजगार देना अनिवार्य है। लेकिन प्रशासन की अनदेखी से मजदूरों को रोजगार मिलना मुश्किल हो रहा है। वित्तीय वर्ष 2014-15 के अप्रैल से लेकर अगस्त महीने के अंत तक जिले भर के छह ब्लॉकों में 7575 लोगों ने विकास विभाग से काम की डिमांड की, लेकिन इसके एवज में कुल 1831 लोगों को ही काम मिल सका। माना जा रहा है कि पंचायतों के गठन में हो रही देरी के चलते पूरा काम काज प्रभावित हुआ है। क्योंकि पंचायतों का गठन इस साल जून के अंत तक ही हो सका। ऐसे में गांवों तक सरकारी योजनाएं के तहत काम काज नहीं हो पा रहे है। जो रोजगार न मिलने का एक मुख्य कारण बताया जा रहा है। इसके साथ ही प्रशासनिक लापरवाही भी इसमें देरी का एक बड़ा कारण है।

पुरोला में किसी को नहीं मिला काम

मनरेगा के तहत इस साल पुरोला ब्लॉक के एक भी परिवार को काम नहीं मिल सका। जबकि इस साल अप्रैल के बाद प्रखंड से 111 परिवार काम की मांग कर चुके हैं। वहीं मोरी प्रखंड से भी 1420 लोगों ने काम की मांग की थी लेकिन फिलहाल 91 को ही काम मिल सका। चिन्यालीसौड़ में 1901 ने काम की मांग की थी जिसमें से 1119 लोगों को काम मिला।

ब्लॉक कुल पंजीकृत कार्यरत

भटवाड़ी 12265 288

चिन्यालीसौड़ 14227 1119

डुंडा 18170 145

मोरी 8829 91

नौगांव 14397 188

पुरोला 7112 000

पंचायतों के गठन ना होने से काम की मांग ज्यादा नहीं हो सकी है। अब पंचायतों का गठन हो गया है तो विकास कार्यो की मांग में तेजी लाई जाएगी, ताकि रोजगार सृजन हो सके।

जीएस रावत, सीडीओ उत्तरकाशी।


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