सौरा व रामा गांव के मेले में नियमों की उड़ी धज्जियां
मेले के उल्लास में ग्रामीण मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करना ही भूल गए।
जागरण टीम, उत्तरकाशी/पुरोला : मेले के उल्लास में ग्रामीण मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करना ही भूल गए। उत्तरकाशी के सौरा गांव और पुरोला ब्लॉक के रामा गांव में आयोजित हुए मेले नियमों की अनदेखी कर ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ी। न सिर्फ आपदा प्रबंधन अधिनियम की धज्जियां उड़ाई गई। बल्कि, कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रशासन के लिए भी मुश्किल खड़ी कर दी है। हैरानी की बात यह है कि इन मेलों में संक्रमण के फैलाव को लेकर बचाव कार्य तेज करने की दुहाई देने वाले स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी शिरकत की।
उत्तरकाशी की गंगा घाटी में बीते शनिवार को सौरा गांव में सेल्कू मेले का आयोजन हुआ। जबकि, रविवार को सारी और तिहार गांव में सेल्कू मेला हुआ। इसमें देव डोली के साथ ग्रामीणों ने नृत्य किया। इन कार्यक्रमों में गंगोत्री विधायक गोपाल रावत, भटवाड़ी ब्लॉक की प्रमुख विनीता रावत भी शामिल हुए। इस आयोजन के लिए स्थानीय ग्रामीण जंगल से ब्रह्मकमल, जटामासी सहित कई फूलों को लेकर आए। ग्रामीणों ने अपने ईष्ट देवता को फूल चढ़ाए। लेकिन, मेले में उमड़ी भारी भीड़ में ज्यादातर ग्रामीणों ने मास्क नहीं पहना था। साथ ही शारीरिक दूरी का उल्लंघन किया गया।
वहीं, पुरोला के रामा सिरांई पट्टी के 12 गांव के सियूडिया देवता के मेले में रविवार को रामा भांव में भारी भीड़ उमड़ी। देव डोलियों के साथ ग्रामीण नृत्य करने के लिए झूम उठे। जिसमें कोरोना संक्रमण को रोकने के सारे नियत तार-तार हुए। रविवार को मेले में सियूडिया देवता के पश्वा ने कई करतब दिखाए। मेले में राम सिरांई के 12 गांवों के अलावा कमल सिरांई, मोरी, त्यूनी व नौगांव क्षेत्र के ग्रामीण पहुंचे। लेकिन, मेले में शामिल हुए ज्यादातर ग्रामीणों ने न तो मास्क पहना और न ही शारीरिक दूरी का पालन किया।