बाड़ाहाट में 14 लाख का कांजी हाउस हुआ बेकार
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : नगरपालिका बाड़ाहाट प्रशासन का गोफियारा में बना कांजी हाउ
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : नगरपालिका बाड़ाहाट प्रशासन का गोफियारा में बना कांजी हाउस सफेद हाथी बनकर रह गया है। गोसदन होने के बावजूद मुख्य बाजार, आजाद मैदान, झूलापुल, बस अड्डा, तांबाखाणी सुरंग समेत कई स्थानों पर निराश्रित जानवर घूम रहे हैं, जो इन दिनों स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर घूम रहे निराश्रित जानवर तीर्थयात्रियों के लिए वाहन दुर्घटना का कारण भी बने हुए हैं। लेकिन पालिका प्रशासन निराश्रित जानवरों का समाधान करने के बजाय इस ओर मूक दर्शक बनी हुई है।
फरवरी 2018 में नगरपालिका बाड़ाहाट ने गोफियारा में करीब 14 लाख की लागत से एक कांजी हाउस की शुरुआत की थी। कुछ दिनों तक पालिका प्रशासन के कर्मचारियों ने मुख्य बाजार और गलियों में घूम रहे निराश्रित जानवरों को कांजी हाउस में आश्रय दिया था। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, वैसे-वैसे पालिका प्रशासन भी निराश्रित जानवरों की सुध लेना भूल गई। अब आलम यह है कि कई बार निराश्रित जानवरों के आपसी संघर्ष भी स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बन रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि दस माह पहले कांजी हाउस का निर्माण हो चुका है, लेकिन उसके बाद भी निराश्रित जानवर, सड़क, मुख्य बाजार, रामलीला मैदान पर घूम रहे हैं। जगह-जगह निराश्रित जानवरों की चहल कदमी लोगों को परेशान कर रही है। नगर पालिकाध्यक्ष रमेश सेमवाल ने बताया कि कांजी हाउस तो तैयार है, लेकिन, कांजी हाउस में कुछ सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जिससे कांजी हाउस में गाय व अन्य आवारा पशुओं को चारा पानी की दिक्कत न हो।