श्रद्धालु विश्वनाथ मंदिर में नहीं कर सके जलाभिषेक
जागरण संवाददाता उत्तरकाशी सोमवती अमावस्या और सावन माह के पहले सोमवार को सीमांत जनपद में
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : सोमवती अमावस्या और सावन माह के पहले सोमवार को सीमांत जनपद में श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए अपने घरों से निकले। उत्तरकाशी में मणिकर्णिका घाट सहित अन्य घाटों पर गंगा स्नान किया। लेकिन, विश्वनाथ सहित प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद होने के कारण शिव भक्तों ने मंदिर परिसर के मुख्य गेट पर ही गंगा जल चढ़ाया। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के मंदिरों में श्रद्धालु जलाभिषेक कर सके।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने निर्देश जारी किए थे कि मंदिरों में जलाभिषेक का कार्यक्रम नहीं होगा। मंदिर परिसर के गेट बंद रहेंगे। इसी आदेश के तहत जनपद में पुलिस तैनात हुई। घाट पर स्नान करने और जल भरने में रियायत दी गई। लेकिन, यहां भी शारीरिक दूरी का पालन करवाने के लिए पुलिस तैनात दिखी। विश्वनाथ मंदिर परिसर में प्रवेश के तीनों गेट बंद रहे। इस दौरान जो श्रद्धालु पहुंचे उन्होंने गेट पर रखी बाल्टी में गंगा जल डाला। साथ ही प्रसाद आदि भी वहीं पर चढ़ाया। जलाभिषेक को गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध होने के कारण श्रद्धालुओं को मायूस होना पड़ा। भले ही ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने सभी श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि जिस तरह का सहयोग श्रद्धालुओं ने सोमवती अमावस्या पर दिया है, उसी तरह का सहयोग श्रावण के सभी सोमवार पर दें, जिससे कोरोना संक्रमण को प्रभावी रूप से फैलने से रोका जा सके।