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सत्य और प्रेम है गंगोत्री: मोरारी बापू

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से गंगोत्री धाम में चल रही मोरार

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Aug 2018 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 27 Aug 2018 03:01 AM (IST)
सत्य और प्रेम है गंगोत्री: मोरारी बापू
सत्य और प्रेम है गंगोत्री: मोरारी बापू

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से गंगोत्री धाम में चल रही मोरारी बापू की मानस गंगोत्री राम कथा रविवार को सम्पन्न हुई। कथा के अंतिम दिन मोरारी बापू ने अरण्य कांड, कि¨ष्कधा कांड, सुंदरकांड, लंका कांड व उत्तरकांड का निचोड़ प्रस्तुत किया।

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मोरारी बापू ने कहा कि बाल कांड का सार सुख प्राप्ति, अयोध्या कांड का सार प्रेम, अरण्य कांड का सार सत्संग और लंका कांड का सार विजय, विवेक और विभूति है। रामचरित मानस का एक-एक शब्द परम विशेषता रखता है। शब्द का आंसू में रूपांतरण ही कथा का सार है। जब तक गंगा-यमुना और सरस्वती की धारा धरा पर बहती रहेगी, तब तक राम कथा की धारा भी बहती रहेगी। राम कथा अनंत है।

मोरारी बापू ने कहा कि गंगा सत्य है। यह रामपदा गंगा है। रामकथा गंगा प्रेम है, रामभक्ति गंगा सत्य है और गंगोत्री सत्य, प्रेम और करुणा है। इसका स्मरण करें, यह हमारे में उतरे व हम धन्य हो जाएं। मोरारी बापू ने रामपदा गंगा, रामकथा गंगा और रामभक्ति गंगा को गंगोत्री धाम को समर्पित किया। कथा के विश्राम के दौरान मोरारी बापू सहित श्रोतागणों की आंखें नम हो गई। सभी ने भावभीनी आंखों के साथ राम कथा का श्रवण व गुणगान किया। भक्तजन राममय होकर राम रंग में रंगे नजर आए। बापू ने सभी भक्तजनों का आभार जताया। इस अवसर पर आयोजक मिराज ग्रुप के चेयरमैन मदन पालीवाल, मंत्रराज पालीवाल, प्रकाष पुरोहित, रवीन्द्र जोषी, रूपेश व्यास, विकास पुरोहित आदि मौजूद रहे।

यादगार आयोजन

गंगोत्री धाम में मानस गंगोत्री राम कथा का आयोजन यादगार बन गया। इस आयोजन से गंगोत्री सहित धराली, हर्षिल के होटल व्यवसायियों को भी डाउन सीजन में फायदा हुआ। आयोजन के दौरान आवास, भोजन, यातायात, चिकित्सा, जलपान, पंडाल, पूछताछ, सुरक्षा सहित तमाम सुविधाएं मिराज ग्रुप की ओर से उपलब्ध कराई गई थी।

मुफ्त बांटी बची सामग्री

मानस गंगोत्री के दौरान प्रसाद के लिए लाई गई सामग्री में से बची हुई समस्त सामग्री स्थानीय स्तर पर मुफ्त वितरित की गई। संतकृपा सनातन संस्थान के अध्यक्ष व मानस गंगोत्री कथा के मुख्य आयोजक मदन पालीवाल ने कहा कि हम तो रसराज श्रीनाथजी के सेवक है। यह उन्हीं की इच्छा थी कि हम सब मिलकर पतित पावनी मां गंगा के धाम पर भी सेवा करें।


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