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प्रभावितों ने दोहराई नेलांग-जादूंग में बसाने की मांग

नेलांग और जादूंग गांव के मूल निवासियों को फिर से वहां बसाने की मांग को लेकर एक बैठक का आयोजन डुंडा में किया गया। बैठक में ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिए गए सुझाव के अनुसार प्रस्ताव तैयार कर पीएमओ को भेजा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 07:19 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 11:21 PM (IST)
प्रभावितों ने दोहराई नेलांग-जादूंग में बसाने की मांग

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: नेलांग और जादूंग गांव के मूल निवासियों को फिर से वहां बसाने की मांग को लेकर एक बैठक का आयोजन डुंडा में किया गया। बैठक में ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिए गए सुझाव के अनुसार प्रस्ताव तैयार कर पीएमओ को भेजा।

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बैठक में ग्राम प्रधान भवान ¨सह राणा ने कहा कि 1962 से पहले नेलांग गांव में करीब 40 परिवार और जादूंग गांव में करीब 30 परिवार निवास करते थे। 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान सेना ने ग्रामीणों को उनके गांव से हटा दिया। ग्रामीणों ने रिश्तेदारों के यहां बगोरी और डुंडा में शरण ली। तब से लेकर आज तक प्रभावित ग्रामीणों को न तो विस्थापित किया गया और न फिर से गांव में बसने की अनुमति दी गई। कहा कि नेलांग में उनकी 375.61 हेक्टेयर और जादुंग में 8.54 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि थी। जहां अब सेना के बंकर एवं भवन निर्माण हो गए हैं। कहा कि यह मुद्दा उन्होंने बीते सात नवंबर को बगोरी पहुंचे पीएम मोदी के सामने भी उठाया था। जिस पर प्रधानमंत्री ने लिखित समस्या पीएमओ को भेजने को कहा था। पत्र में ग्रामीणों ने नेलांग और जादूंग गांव को फिर से बसाने, भेड़-बकरी पालन के लिए मेड़ी, सुमला, पीडीए, नीलापानी, त्रिपाणी, थागला तक चुगान के लिए खोलने समेत विभिन्न मांग की। ज्ञापन भेजने वालों में क्षेत्र पंचायत सदस्य चरण ¨सह, मंगल ¨सह, शिव दत्त, धूम ¨सह, सुंदर ¨सह, गो¨वद राम, खुशी राम, दयाराम, उत्तम ¨सह, गोवर्धन ¨सह आदि मौजूद थे।


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