अमेरिकी तकनीक से बचेगी सेब की फसल
पुष्कर सिंह रावत, उत्तरकाशी: कोल्ड स्टोर के अभाव में हर साल लाखों का नुकसान उठाने वाले सेब उत्पादकों
पुष्कर सिंह रावत, उत्तरकाशी: कोल्ड स्टोर के अभाव में हर साल लाखों का नुकसान उठाने वाले सेब उत्पादकों के लिए खुशखबरी। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो उनकी फसल अब बरबाद नहीं होगी। वह खुद ही कोल्ड स्टोर तैयार कर अपनी फसल को बचा सकेंगे। अमेरिकी तकनीक से बनने वाले यह कोल्ड स्टोर महज डेढ़ लाख रुपये में तैयार हो सकेगा। सेब उत्पादकों के लिए यह कोल्ड स्टोर अनूठा तोहफा होंगा। बिजनेस कंसलटेंट यतींद्र अग्रवाल ने जिले में फिलहाल झाला में इस तरह का एक कोल्ड स्टोर तैयार कर लिया है जबकि दूसरा कोल्ड स्टोर जोशियाड़ा में बनाया जा रहा है।
जनपद में हर साल 40 से 45 हजार मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होता है। लेकिन सेब की फसल जब मंडी में बेचने की बारी आती है तो खराब मौसम और सड़कें आड़े आ जाती हैं। हर साल बगीचों में कई टन सेब बरबाद हो जाता है। किसानों के पास सेब को सुरक्षित रखने के लिए कोई साधन नहीं है। जबकि आर्थिक लिहाज से बड़ा कोल्ड स्टोर तैयार बहुत आसान नहीं है। बड़े कोल्ड स्टोर की लागत ही कम से कम तीन से चार करोड़ होती है, जो छोटे किसानों के लिए संभव नहीं है। ऐसे में पेशे से बिजनेस कंसलटेंट यतींद्र अग्रवाल ने एक अनूठा प्रयोग शुरू किया है। वह उत्तरकाशी के जोशियाड़ा और झाला में दो छोटे कोल्ड स्टोर तैयार कर रहे हैं। झाला में उन्होंने महज 20 गुणा 20 आकार के कमरे को थर्माकोल और तापमान नियंत्रक मशीन के जरिये कोल्ड स्टोर का रूप दिया है। इसमें फसल खराब न होने के लिये जरूरी स्प्रे और अन्य जरूरतों का भी ध्यान रखा गया है। भारत में इस तरह की तकनीक पहले कभी नहीं अपनाई गई है, जबकि अमेरिका में लंबे समय से इस तरह के कोल्ड स्टोर का प्रयोग होता रहा है। मुंबई आइआइटी से पासआउट यतींद्र अग्रवाल बताते हैं कि उन्होंने इंटरनेट पर ही इस तकनीक के बारे में पता किया। उसके बाद उन्होंने जरूरी उपकरण और डिजाइन अमेरिका से मंगाए। बीते करीब दो माह से वह दोनों जगहों पर इस काम को कर रहे हैं। उनके इस प्रयोग से स्थानीय सेब उत्पादक उत्साहित हैं। उनका मानना है कि यह तकनीक अगर कारगर साबित हुई तो वह अपने घरों में ही कोल्ड स्टोर तैयार कर बड़े नुकसान से बच सकेंगे। हालांकि यतींद्र अग्रवाल इसे अभी शुरुआत बता रहे हैं। उनका मानना है कि छह माह बाद इस प्रयोग का परिणाम सामने आएगा। वह कहते हैं कि सिर्फ कोल्ड स्टोर तैयार कर फसल बचाना ही काफी नहीं है, बल्कि बाजार में उस समय मांग क्या है और प्रतिस्पद्र्धा में दूसरी कौन सी फसल सामने है, इसे भी ध्यान में रखना होगा।
'सरकार की ओर से गंगा घाटी में झाला गांव के समीप कोल्ड स्टोर तैयार करने की योजना है, लेकिन अगर इस तरह का प्रयोग भी सामने आता है तो उसका स्वागत करने के साथ ही जरूरी मदद भी दी जानी चाहिए'
-सुरेश राम, जिला उद्यान अधिकारी
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