Chardham Yatra 2022 : गंगोत्री यात्रा पर आये गुजरात के तीर्थयात्री की हार्ट अटैक से मौत, अब तक 240 की गई जान
Chardham Yatra 2022 नीलेश ओझा पुत्र कांतिभाई निवासी चिदंबरम सोसाइटी गुजरात उम्र 50 वर्ष की गंगोत्री धाम की यात्रा पर आए थे। अब हेमकुंड साहिब श्रीनगर व ऋषिकेश समेत चारधाम में हृदयाघात से मरने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या 240 पहुंच गई है।
टीम जागरण, उत्तरकाशी : Chardham Yatra 2022 : गंगोत्री धाम की यात्रा में आये गुजरात के तीर्थयात्री की हार्ट अटैक से मौत हो गई है।
अब तक हार्ट अटैक से गई 240 तीर्थ यात्रियों की गई जान
अब हेमकुंड साहिब, श्रीनगर व ऋषिकेश समेत चारधाम में हृदयाघात से मरने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या 240 पहुंच गई है। अभी दो दिन पहले ही चारधाम यात्रा पर आईं महाराष्ट्र की तीर्थ यात्री की हृदयाघात से मौत हो गई थी।
होटल में अपने अन्य साथियों के साथ ठहरे थे नीलेश
जानकारी के मुताबिक नीलेश ओझा पुत्र कांतिभाई निवासी चिदंबरम सोसाइटी गुजरात उम्र 50 वर्ष की गंगोत्री धाम की यात्रा पर आए थे और इस दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई। नीलेश ओझा गंगोत्री मार्ग के धराली में किसी होटल में अपने अन्य साथियों के साथ ठहरे हुए थे।
तबीयत बिगड़ी और बेहोश हो गए
मंगलवार सुबह के समय उनकी तबीयत बिगड़ी और वह बेहोश हो गए। जिसके बाद उन्हें हर्षिल अस्पताल लाया गया। यहां चिकित्सक ने परीक्षण के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कहां हुई कितने तीर्थ यात्रियों की मौत
- धाम, 13 सितंबर को, कुल मृतक
- यमुनोत्री, 00, 42
- गंगोत्री, 01, 14
- केदारनाथ, 00, 110
- बदरीनाथ, 00, 65
- हेमकुंड, 00, 02
- श्रीनगर-गढ़वाल, 01, 01
- ऋषिकेश, 00, 06
पहले इलाज फिर एंबुलेंस के लिए किया इंतजार
चिकित्सकों के अभाव में जिला अस्पताल उत्तरकाशी इलाज की बजाय रेफर सेंटर बनकर रह गया है, जो चिकित्सक अस्पताल में तैनात हैं, वह भी मरीजों को इलाज देने में गंभीर नहीं हैं।
आरोप है कि बीते सोमवार की शाम को जिला अस्पताल में भर्ती गुजरात के तीर्थयात्री को देखने के लिए प्रमुख चिकित्सक व अन्य चिकित्सक समय से नहीं आए। यहां तक कि मरीज को हायर सेंटर रेफर करने के लिए एंबुलेंस भी घंटों बाद उपलब्ध हो पाई, जिससे तीर्थयात्री की जान पर बन आई।
गुजरात से पहुंचे तीर्थयात्री रोहित पटेल ने बताया कि सोमवार को शाम 6 बजकर 20 मिनट पर अहमदाबाद के पीएन पटेल को अचानक तबीयत खराब होने पर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया।
मरीज की यूरिन नली बंद हो चुकी थी। अस्पताल में जब कोई चिकित्सक समय पर मरीज को देखने नहीं पहुंचा, तो अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने मरीज को रेफर करने की सलाह दी। मरीज के स्वजन ने एंबुलेंस की मदद मांगी, लेकिन उन्होंने एंबुलेंस तक उपलब्ध कराने में भी दिलचस्पी नहीं दिखाई।
सूचना मिलने पर भारतीय रेडक्रास सोसायटी के चेयरमैन माधव प्रसाद जोशी मदद के लिए अस्पताल पहुंचे और सीएमओ केएस चौहान को दो बार फोन करने के बाद रात करीब पौने दस बजे एंबुलेंस की व्यवस्था हो पाई।
माधव प्रसाद जोशी ने बताया कि मरीज काफी परेशान था तथा स्वजन भी काफी परेशान हुए। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को मरीज की हालत देखनी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी अस्पताल में भर्ती दिल्ली के एक मरीज को अस्पताल से एंबुलेंस के लिए एक दिन का इंतजार करना पड़ा।
जिला अस्पताल में भर्ती मरीज को देखने के लिए फिजिशियन पहुंच गए थे। मुझे फोन आने पर एंबुलेंस भी मरीज को उपलब्ध करवा दी गई थी। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को फोन से एंबुलेंस उपलब्ध करवाने को कहा था।
-डा. केएस चौहान, मुख्य चिकित्सा अधिकारी उत्तरकाशी