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कार्यदायी कंपनी ने बदली गंगा की राह

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : भागीरथी (गंगा) नदी का बहाव बदलने और नदी में मलबा डालने के मा

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 02:59 AM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 02:59 AM (IST)
कार्यदायी कंपनी ने बदली गंगा की राह

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : भागीरथी (गंगा) नदी का बहाव बदलने और नदी में मलबा डालने के मामले में ऑलवेदर रोड का निर्माण करने वाली कार्यदायी संस्था सवालों के घेरे में आ गई है। अब कार्यदायी संस्था पर ¨सचाई विभाग भी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। ¨सचाई विभाग के ईई जीएस सिलवाल ने बताया कि कार्यदायी संस्था को केवल सुरक्षा दीवार लगाने की अनुमति थी, न कि नदी का बहाव बदलने की। वहीं इस मामले में पहले से ही जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने एसडीएम और डीएफओ के नेतृत्व में जांच कमेटी बनाई, जिसकी रिपोर्ट जांच टीम सोमवार को देगी।

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उत्तरकाशी के बडेथी चुंगी के पास ऑलवेदर रोड का कार्य नेशनल हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) की देखरेख में कराया जा रहा है। दिन और रात के समय वाहनों की आवाजाही भी मनेरा बाइपास से हो रही है। लेकिन सड़क चौड़ीकरण का अधिकांश मलबा और पत्थर सीधे भागीरथी में उड़ेला जा रहा है। यही नहीं कार्यदायी संस्था ने भागीरथी नदी के मूल बहाव को ही बदल डाला है। इसके लिए कार्यदायी कंपनी ने नदी के किनारे नदी को खोद कर 200 मीटर लंबे हिस्से में एक नहर बनाई और नदी का पूरा पानी उस नहर में प्रवाहित किया। इससे जलीय जीवों को भी नुकसान पहुंचा है। इसको लेकर जिलधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने जांच टीम गठित कर सोमवार तक जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। वहीं, कार्यदायी संस्था का दावा है कि भागीरथी नदी के साथ जो छेड़छाड़ उन्होंने की है, उसके लिए ¨सचाई विभाग से अनुमति ली है। इस पर ¨सचाई विभाग के ईई जीएस सिलवाल ने कहा कि जब ऑलवेदर रोड को लेकर अनुमति ली जा रही थी, तब केवल औपचारिक अनुमति दी गई थी, उसमें भी यह शर्ते थी कि केवल नदी के किनारे सुरक्षात्मक कार्य करेंगे। अगर नदी के किनारे डं¨पग जोन बनाया जाएगा तो वहां भी पहले सुरक्षात्मक कार्य करेंगे। लेकिन, चुंगी बडेथी के पास कार्यदायी कंपनी ने सीधे नदी पर ही अतिक्रमण किया है। नदी को खोदकर नदी के बहाव के बदलने तथा नदी के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ की कोई अनुमति नहीं है। ¨सचाई विभाग के ईई जीएस सिलवाल ने कहा कि इस मामले को लेकर वे जिला प्रशासन से राय ले रहे हैं, जिसके बाद कार्यदायी कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


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