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दस वर्षों से बिना लाइसेंस के संचालित हो रहा ब्लड बैंक

जागरण संवाददाता उत्तरकाशी उत्तरकाशी के जिला अस्पताल का ब्लड बैंक पिछले दस वर्षों से बिन

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 06:11 AM (IST)
दस वर्षों से बिना लाइसेंस के संचालित हो रहा ब्लड बैंक
दस वर्षों से बिना लाइसेंस के संचालित हो रहा ब्लड बैंक

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : उत्तरकाशी के जिला अस्पताल का ब्लड बैंक पिछले दस वर्षों से बिना लाइसेंस के संचालित हो रहा है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में यह मामला उजागार हुआ है। रिपोर्ट में अस्पताल की अन्य कमियां भी उजागर की गई हैं, जबकि जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. बीएस रावत ने कहा कि ब्लड बैंक के लाइसेंस का नवीनीकरण करने के लिए 2018 में चालान शुल्क जमा कराया गया। जिस दिन चालान शुल्क जमा किया गया, उसी दिन से लाइसेंस का नवीनीकरण मना जाता है।

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जिला अस्पताल में 400 यूनिट क्षमता वाले ब्लड बैंक की स्थापना 1998 में की गई थी, लेकिन अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण प्रति माह केवल 40-60 यूनिट ब्लड की ही मांग रहती है। ब्लड बैंक में एक पैथोलॉजिस्ट को छोड़कर पूरा स्टाफ मौजूद है। जरूरतमंदों को समय पर रक्त भी उपलब्ध हो जाता है। अब कैग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दस सालों से ब्लड बैंक का लाइसेंस नवीनीकरण नहीं कराया गया। ब्लड बैंक का लाइसेंस का हर पांच साल में नवीनीकरण कराना होता है, लेकिन कैग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि लाइसेंस के अलावा अन्य खामियां भी हैं। जिसमें उपकरणों का संचालन, ब्लड बैंक का मुख्य दरवाजा, वेस्ट मैनेजमेंट आदि मामले शामिल थे।

वहीं जिला अस्पताल के सीएमएस डा. बीएस रावत ने कहा कि ब्लड बैंक में डोर, वेस्ट मैनेजमेंट और उपकरणों में जो कमियां थी उसे पूरा कर दिया गया। जिला अस्पताल का ब्लड बैंक सर्वप्रथम ई-रक्तकोष के जरिये ऑनलाइन रिपोर्ट देना वाला अस्पताल है।


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