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Mountaineering Summit: पर्वतारोहण शुल्क में दी जाएगी रियायत, नेलांग-जादूंग में फिर बस सकेंगे विस्थापित

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने माउंटेनियरिंग समिट के दौरान कहा कि जल्द ही उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म के लिए अलग विभाग अस्तित्व में आएगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 05:24 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 08:40 PM (IST)
Mountaineering Summit:  पर्वतारोहण शुल्क में दी जाएगी रियायत, नेलांग-जादूंग में फिर बस सकेंगे विस्थापित
Mountaineering Summit: पर्वतारोहण शुल्क में दी जाएगी रियायत, नेलांग-जादूंग में फिर बस सकेंगे विस्थापित

उत्तरकाशी, जेएनएन। उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म के लिए जल्द ही लग विभाग अस्तित्व में आएगा।  मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने माउंटेनियरिंग समिट के दौरान ये बात कही। उन्होंने ये भी कहा कि पर्वतारोहण के लिए जो शुल्क लिया जाता है, उसमें रियायत दी जाएगी। यह शुल्क पंजीकरण के तौर पर रहेगा, ताकि पर्वतारोहण और ट्रैकिंग करने वालों की जानकारी सरकार के पास रहे और रेस्क्यू के समय दिक्कत न आए। वर्तमान में विदेशियों(एक से नौ तक की संख्या) 80 हजार और भारतीयों (एक से नौ तक की संख्या) से 14 हजार रूपये एकमुश्त पर्वतारोहण शुल्क लिया जाता है।

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नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में जिला प्रशासन की ओर से आयोजित दो दिवसीय माउंटेनियरिंग समिट का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। इस दौरान उन्होंने 130 करोड़ की योजनाओं का भी शिलान्यास और लोकार्पण किया। निम के प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य स्तर पर पर्वतारोहण के के लिए जो, शुल्क लिया जाता है उसे समाप्त तो नहीं किया जा सकता। पर उस शुल्क में रियायत दी जाएगी। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ये भी कहा कि सरकार ने एडवेंचर टूरिज्म के लिए अलग से विभाग बनाने का फैसला लिया है। अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी के निर्देशन में इसका संचालन होगा। उन्होंने बताया कि यूएनए ने भी इस पर अपनी रिपोर्ट दी है। पर्यटकों का रुझान एडवेंचर की ओर बढ़ रहा है। सीएम ने कहा, नेलांग तक इनर लाइन को उन्होंने खत्म कराया है। नेलांग से आगे भी इनर लाइन की बाध्यता समाप्त करने के लिए एक बैठक जल्दी आयोजित की जाएगी। इस संबंध में उनकी पहले भी केंद्र सरकार से बातचीत हुई है। 

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उत्तरकाशी जनपद में ट्रैकों के ऑन लाइन कराने, कुछ ट्रैकों में विदेशी पर्यटकों को अनुमति देने, पर्वतारोहण का शुल्क कम करने, उत्तराखंड में इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन का काउंटर खोलने पर मार्च माह में विचार किया जाएगा, जिससे पर्यटकों को सहूलियत होगी। आपदा और दुर्घटनाओं को लिहाज से उन्होंने रेस्क्यू सेंटर खोलने पर विचार करने की बात कही। 

नेलांग-जादूंग में फिर बस सकेंगे विस्थापित 

भारत-चीन सीमा पर स्थित नेलांग और जादुंग गांव से विस्थापित लोग पुन: अपने पैतृक आवास में बस सकेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डुंडा ब्लाक में रेणुका मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में सीमांत क्षेत्र विकास योजना की सौगात देते हुए यह बात कही। मौका था तीन दिवसीय कृषि औद्योगिक विकास मेला का। 

इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के स्टाल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने जाड़ एवं भोटिया जनजाति के लोगों को लोसर पर्व की शुभकामनाएं दी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने 2022 तक सीमांत जिले के सभी गांवों को सड़क से जोडऩे और पुल निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कहा कोई भी गांव यातायात सुविधा से वंचित नहीं होगा, पुल के अभाव में किसी भी गांव का संपर्क नहीं टूटेगा। इस मौके पर भारत सरकार की अनुसूचित जाति जनजाति आयोग सदस्य डॉ. स्वराज विद्वान, पर्यटन सचिव दिलीप जवालकर, विधायक गोपाल रावत, विधायक केदार रावत, भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश चौहान, आदि मौजूद थे। 

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एक-एक लाख रुपये की घोषणा

बीते सप्ताह जिले में हुई सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए मृतकों के परिजनों के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ङ्क्षसह रावत ने एक-एक लाख रुपये और घायलों को पचास-पचास हजार रुपये देने की घोषणा की। यह मांग नमामि गंगे प्रदेश संयोजक लोकेंद्र बिष्ट ने मुख्यमंत्री से की थी। 

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