फल-सब्जियों के दाम ने निकाला दम
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जिला मुख्यालय में इन दिनों सब्जियों और फलों के भाव आसमान छू रहे हैं। बाहरी क्षेत्रों से आने वाली सब्जियां खरीदना लोगों के लिये मुश्किल साबित हो रहा है। जनपद में बेहतर सब्जी उत्पादन है, किंतु स्थानीय विक्रेता इसे खास तवज्जो नहीं दे रहे हैं और बाजार में लोकल सब्जियां भी उपलब्ध नहीं हैं।
जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में नकदी फसलों के बेहतर उत्पादन के बावजूद स्थानीय बाजारों से लोकल सब्जियां नदारद हैं। अधिकांश सब्जियां यहां से बाहर की मंडियों में भेजी जा रही हैं। लोकल सब्जियां उपलब्ध न होने के कारण बाहरी मंडियों से यहां पहुंचने वाली सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गये हैं। यह स्थिति नगर क्षेत्र के मुख्य सब्जी बाजार ही नहीं बल्कि डुण्डा, बड़ेथी और चिन्यालीसौड़ जैसी जगहों पर भी बनी हुई है। यही स्थिति फलों की भी है। स्थानीय स्तर पर उत्पादित होने वाले सेब, आडू, पुलम आदि मौसमी फल बाजार में नहीं आ सके हैं। जबकि बाहरी मंडियों से आने वाले फलों के दाम ग्राहकों के पसीने छुड़ा रहे हैं। अगले माह के पहले सप्ताह में स्थानीय स्तर पर सेब की उपज बाजार में आने लगेगी जिससे कुछ राहत मिल सकती है। फिलहाल सेब भी बाहरी मंडियों से पहुंचाया जा रहा है।
सब्जियों के दाम (रुपए प्रति किलो)
टमाटर- 60
बीन- 80
लौंकी- 35
प्याज- 25
भिंडी- 40
बैंगन- 30
तोरी- 30
आलू- 20
फलों के दाम
आम- 40 से 70
सेब- 60 से 120
केला- 45 से 60 (रु.प्रति दर्जन)
अनार- 150 से 200
आड़ू- 50
पपीता- 50 से 60
'नगर क्षेत्र में फलों और सब्जियों के दामों पर नियंत्रण के लिये जिला पूर्ति विभाग को निर्देशित किया जाएगा, साथ ही विक्रेताओं को भी हिदायत दी जाएगी।'
देवमूर्ति यादव, एसडीएम उत्तरकाशी।
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