59 साल पुराना पुल तोड़ रहा दम
ओंकार बहुगुणा, बड़कोट 28 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है, लेकिन धरासू यमुनोत्री राजमार्
ओंकार बहुगुणा, बड़कोट
28 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है, लेकिन धरासू यमुनोत्री राजमार्ग पर जंगल चट्टी के पास 59 साल पहले बना पुल जर्जर हालात में है। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
राजमार्ग पर धरासू से जानकी चट्टी तक पड़ने वाले 19 पुलों में से तीन पुल खरादी, पनोथ, जंगल चट्टी भी खतरे की जद में हैं। इनमें से 1958 में बने पोल गांव के पास जंगल चट्टी में बना पुल सबसे ज्यादा जर्जर हो चुका है। यदि इस पुल की मरम्मत न की गई तो शायद ही इस बरसात यह पुल झेल पाए। पुल का अमेडंमेंट पिछली वर्षात में क्षतिग्रस्त हो गया था। यात्रा काल में बड़ी बसों सहित भारी माल वाहन और सैकड़ों गाड़ियां प्रतिदिन इस पुल से होकर गुजरती है। ऐसे में जर्जर हो चुके इस पुल से सफर करना खतरे से खाली नहीं है। राजमार्ग विभाग की माने तो इस पुल की स्वीकृति 2015 में मिल गई थी। ¨कतु वन भूमि हस्तांतरण की कार्यवाही चलते ठंडे बस्ते में चली गई। वहीं राजमार्ग विभाग ने पुन: मार्च 2017 में वन भूमि हस्तांतरण की राशि वन विभाग को अवमुक्त कराने को हस्तांतरण की राशि वन विभाग को अवमुक्त करने के लिए 130420 रुपये की हैंडरसीद परिवहन मंत्रालय को भेज दी गई है, लेकिन फिर भी ये कार्य शुरू नहीं हो पाया। क्षेत्रीय विधायक केदार ¨सह रावत ने विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। स्थानीय आजाद डिमरी, लक्ष्मी प्रसाद जगूड़ी ने विभाग की इस पुल के प्रति अनदेखी को खतरे का संकेत बताया है।
पुल निर्माण के संबंध में पत्रावली क्षेत्रीय अधिकारी परिवहन मंत्रालय को भेज दी गई है। वन भूमि हस्तांतरित होते ही कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा।
-नवनीत पांडेय, ईई एनएच बड़कोट
यदि खंड कार्यालय से वनभूमि हस्तांतरण की कार्यवाही हो गई है तो तत्काल उनके द्वारा संस्तुति जारी कर दी जाएगी।
-उमेश चंद्र कालरा, क्षेत्रीय अधिकारी सड़क परिवहन मंत्रालय देहरादून