आपदा के बाद आफत बरकरार
जागरण संवाददाता उत्तरकाशी : जिले की अस्सी गंगा घाटी में आपदा के तीन साल बीतने के बाद आज भी जन जीवन प
जागरण संवाददाता उत्तरकाशी : जिले की अस्सी गंगा घाटी में आपदा के तीन साल बीतने के बाद आज भी जन जीवन पटरी पर नहीं लौट सका है। भूस्खलन से क्षतिग्रस्त सड़कों पर जान को जोखिम में डाल कर ग्रामीण सफर करने को मजबूर हैं।
अस्सी गंगाघाटी के संगमचट्टी सहित घटुसौड़, ¨चवा, रवाड़ा, काफलों, सेकू, गजोली, नौगांव, भंकोली, ढ़ासड़ा, अगोड़ा, धनडाखला, नाल्ड, उतरौं आदि गांव के ग्रामीणों की लाइफ लाइन वर्ष 2013 की आपदा से हुए भूधंसाव से जगह-जगह धंस गई है। इससे कई स्थानों पर मार्ग जान लेवा बना है। ¨चवा के पास बने डेंजर जोन से दो बार वाहन दुर्घटना ग्रस्त भी हुए हैं। आपदा के तीन साल बाद भी यह लाइफ लाइन बदहाल है। भूधंसाव से बने डेंजर जोन क्षेत्र के लोगों को आवागमन के लिए मुसीबत बने हुए हैं। गांव तक राशन पहुंचाने वालों को कई स्थानों पर सामान उतार कर वाहनों को पार कराना पड़ता है। ग्रामीण लगातार मार्ग को दुरुस्त करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुध नहीं ले रहा है। क्षेत्र के ग्रामीण काश्तकार अब आलू की फसल निकालने वाले हैं और आलू को मंडियों तक पहुंचाने में सड़क के खस्ताहाल होने से परेशानी उठानी पड़ती है।
कई बार सड़क मार्ग को दुरुस्त करने की मांग की गई है, लेकिन कोई सुध नहीं ले रहा है। बारिश होते ही सड़क और भी जान लेवा बन जाती है और सड़क पर वाहनों की आवाजाही बंद हो जाती है।
-राकेश ¨सह, निवासी ¨चवा
आपदा के बाद से ही गंगोरी से संगमचट्टी तक कई स्थानों पर मार्ग खस्ताहाल है। अब क्षेत्र में किसानों की आलू की फसल निकलने वाली है। फसल मंडियों तक पहुंचाने में किसानों को परेशानी उठानी पड़ती है।
-भूपेन्द्र ¨सह, निवासी ¨चवा
गंगोत्री-संगमचट्टी मोटर मार्ग के सुधारीकरण के लिए शासन को साढ़े चार करोड़ की धनराशि रिवाइज एस्टीमेट भेजा गया है। धनराशि मिलते ही मोटर मार्ग को दुरुस्त कर दिया जाएगा।
-राजकुमार, अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाइ उत्तरकाशी