45 गांवों को पुल की मरम्मत का इंतजार
संवाद सूत्र, पुरोला : तीन बार की आपदा को झेलने के बाद मियां नदी के पुल की हालत जर्जर हो चुकी है। कभी
संवाद सूत्र, पुरोला : तीन बार की आपदा को झेलने के बाद मियां नदी के पुल की हालत जर्जर हो चुकी है। कभी भी पुल ढह सकता है। अगर पुल की मरम्मत नहीं हुई तो मोरी के 45 गांव संकट में पड़ सकते हैं। लेकिन, दूसरी ओर विभाग की स्थिति यह है कि पुल की मरम्मत के लिए अभी कवायद भी शुरु नहीं हुई है।
हरकीदून व गो¨वद वन्यजीव विहार क्षेत्र के अंतर्गत पंचगाई, अडोर, बडासु, फत्तेपर्वत व सीगतूर पटटी के 45 गांव को जोड़ने के लिए 1980 में 54 मीटर स्पान का गार्डर पुल बनाया गया था। लेकिन, वर्ष 2010, 2012, 2013 व 2014 की आपदा को झेलने के बाद पुल की हालत जर्जर हो गई है। मलबे व पत्थरों के कारण नदी का तल भी ऊंचा हो चुका है। वहीं पुल की सपोर्टिग दीवारें भी नीचे गिरने की स्थिति में है। अगर इस बार पानी का जलस्तर बढ़ा तो पुल कभी बह सकता है। जिससे 45 गांवों की करीब 25 हजार की आबादी संकट में फंस सकती है। लेकिन, विभाग ने अभी तक पुल को सही करने के लिए कोई भी कवायद शुरु नहीं की है।
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इतने गांवों के ग्रामीण करते हैं पुल से आवाजाही
पट्टी गांव की संख्या
फतेपर्वत -14
बडासु -6
पंचगाई -15
सीगतुर -16,
अडोर -5
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45 गांव को जोड़ने वाला मियां नदी का पुल व मोरी-नैटवाड-सांकरी मोटर मार्ग एडीबी के पास है, 15 दिन पहले उक्त मार्ग लोनिवि पुरोला को दिया गया है। पुल के मरम्मत का प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है। बजट मिलते ही मरम्मत कार्य शुरु करा दिया जायेगा।
-आरएस पंवार, एई लोनिवि पुरोला