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विवेकानंद का दर्शन आज भी प्रासंगिक: ध्रुवारूपानंद

विवेकानंद का दर्शन आज भी प्रासंगिक है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 04:41 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 04:41 PM (IST)
विवेकानंद का दर्शन आज भी प्रासंगिक: ध्रुवारूपानंद
विवेकानंद का दर्शन आज भी प्रासंगिक: ध्रुवारूपानंद

संवाद सहयोगी, पंतनगर : विवेकानंद का दर्शन आज भी प्रासंगिक है। युवा उनके जीवन से धैर्य, आत्मसमर्पण, साहस, राष्ट्रप्रेम का अपने जीवन में समावेश कर ही देश के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं। ये उद्गार रामकृष्ण मिशन दिल्ली से आए स्वामी धु्रवारूपानंद महाराज ने व्यक्त किए। इससे पूर्व डॉ. रतन सिंह सभागार में चल रहे राष्ट्रीय युवा दिवस संगोष्ठी के दूसरे दिन का शुभारंभ देशभर से आए पदाधिकारी एवं विख्यात युवाओं ने दीप प्रज्वलन के साथ किया।

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टाटा धान अकादमी के निदेशक ए गुरूनाथन ने संगोष्ठी में शिरकत करने आए आए युवाओं को ग्रामीण विकास पर चिंतन करने के लिए प्रेरित किया। आयोजन में सम्मानित किए गए विश्व में यंगेस्ट हेडमास्टर के नाम से विख्यात बाबर अली ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल के एक छोटे से गाव मुर्शिदाबाद से हैं। उन्होंने पिछले 14 वषरें में 3000 से अधिक बच्चे को शिक्षित किया। नौ वर्ष की उम्र से आठ बच्चों के साथ अमरूद के पेड़ के नीचे अपनी कक्षाएं शुरू की और आज कक्षा एक से आठवीं तक के 800 बच्चो को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। भारतीय तटरक्षक बल, नई दिल्ली के कमाडेंट संजय वालिया, राष्ट्रीय संयोजक राजेंद्र चढ्डा, प्रज्ञा प्रवाह डॉ. सुचस्मिता सेन गुप्ता, अर्जुन अवार्ड विजेता पैरा खिलाड़ी मनोज सरकार आदि ने युवाओं को संबोधित किया। कार्यक्रम के संचालक एवं कृषि संचार विभागाध्यक्ष डॉ. शिवेंद्र कुमार कश्यप ने अतिथियों का स्वागत किया।


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